मानसून की दूसरी इनिंग में यह उपलब्धी अर्जित हुई। अभी मानसून के करीब एक पखवाड़ा शेष है तथा वर्तमान में मानसून के सक्रिय होने से एतिहासिक राजसमंद झील के छलकने की उम्मीद बढ़ गई। अभी गोमती व खारी से पानी की आवक जारी है। उल्लेखनीय है कि वर्षा होने के कारण करीब 21 अगस्त को खारी में पुन: पानी छोड़ा गया। वर्तमान में खारी फीडर साढ़े छह फीट चल रही है। वर्षा नहीं होने की स्थिति में भी इसके करीब 10 दिन तक चलने की उम्मीद है।
गोमती अहम
खारी के साथ ही झील को भरने में गोमती नदी भी महत्व पूर्ण भूमिका अदा कर रही है। एक बार शुरू होने के बाद यह अब तक चल रही है। गत दिनों हुई वर्षा के कारण इसमें पानी की आवक बढऩे से मंगलावार रात तो तासोल पुलिया पर करीब एक फीट तक चली। गुरुवार को यह करीब नौ इंच चल रही है। इससे भी झील के लबालब होने की उम्मीद बढ़ी है। इधर गुरुवार देर रात इसका जल स्तर बढ़ कर २८.१५ फीट हो गया।
जिले में गुरुवार सुबह आठ बजे समाप्त २४ घंटे के दौरान कुम्भलगढ़ क्षेत्र में में सर्वाधिक २५ मिलीमीटर वर्षा हुई। इसी प्रकार नाथद्वारा में २२ मिमी बारिश हुई। उल्लेखनीय है कि झील की भराव क्षमता ३० फीट है।
भराव क्षमता : 30 फीट
कुल भराव : 3786 एमसीएफटी
वर्तमान जलस्तर : 28.15 फीट
आखिरी बार झील छलकी : 1973 में
उसके बाद 1994 में जलस्तर : 28 फीट