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Rajsamand News : ओवरब्रिज से 40 मीटर की जगह 3 किलोमीटर का चक्कर, बढ़ी हजारों लोगों की मुश्किलें

राजसमंद जिले के देवगढ़ स्थित कामलीघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर रेलवे फाटक की जगह ओवर ब्रिज बनने के कारण जाम से तो निजात मिली, लेकिन अब वाहन चालकों को लम्बा चक्कर लगाना पड़ रहा है। इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

राजसमंदJan 20, 2025 / 09:43 am

himanshu dhawal

सरफराज अहमद शेख
देवगढ़. कामलीघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर रेल्वे फाटक की जगह ओवरब्रिज बनने से जाम से तो निजात मिल गई, लेकिन पैदल, दुपहिया वाहन, साईकिल सवार, राहगीरों के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में उन्हें 40 मीटर के बजाय ओवरब्रिज से होकर तीन किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। ब्रिज के पास सर्विस रोड पर अंडरब्रिज को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या अभी तक यथावत बनी हुई है। यह समस्या देवगढ़ नगरवासियों के लिए भी बनी हुई है। देवगढ़ नगर में प्रतिदिन रोडवेज और कई ट्रावेल्स बसें आती है, जो पुल बनने से पहले कामलीघाट रोड से आती थी, लेकिन अब ओवरब्रिज बनने के कारण उन्हें गोशाला रोड से घूमकर देवगढ़ आना पड़ता है। इससे सबसे बड़ा नुकसान तो ये हो रहा है कि कई बसें देवगढ़ तक आती भी नहीं और सीधा जयपुर की ओर निकल जाती है और लोगों को इस वजह से काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

ओवरब्रिज पर जाने से भारी वाहनों के चलते स्थानीय बन रहे हादसे का शिकार

कामलीघाट चौराहा पर रेल की पटरियों के दोनों ओर आवासीय बस्ती है, चेता, आसन, टाकड़ी, हीरा की बस्सी, कानियाणा, बरजाल, खिमाखेड़ा, भेरागुड़ा आदि गांव है, जहां के लोगों को प्रतिदिन में कई बार इधर से उधर आना-जाना होता है। मानवरहित फाटक हटाने के बाद आवागमन के लिए एकमात्र मार्ग ओवरब्रिज ही है, जो आना-जाना करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय करवाता है। यह नेशनल हाईवे 58 पर बना हुआ है, जो राजसमंद से कामलीघाट का सीधा निकटतम रास्ता है। ऐसे में इस मार्ग पर भारी आवागमन रहता है। इसी ओवरब्रिज से दुपहिया वाहन चालक व पैदल राहगीरों को भी आवागमन करना पड़ता है। भारी व बड़े वाहनों का आवागमन भी बहुत ज्यादा है, ऐसे में आए दिन हो रहे हादसों से वाहन चालक व दुपहिया वाहन काल के ग्रास बन रहे हैं। अंडरब्रिज बनने से चेता आसन से कामलीघाट की तरफ करीब प्रतिदिन एक हजार दुपहिया वाहनों का आवागमन होता है। इनमें विद्यालय के स्कूली छात्र, व्यापारी, किसान, मजदुर, कर्मचारियों की संख्या अधिक है। कामलीघाट के लिए करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीणों को इसका फायदा मिलेगा। अंडर ब्रिज की मांग को लेकर लगातार आमजनों की ओर से ज्ञापन देने के बाद भी कोई निर्णय नहीं किए जाने के कारण क्षेत्र के निवासियों में रोष बढ़ता जा रहा है, लेकिन अभी तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों या प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मुद्दे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

रात को होती है सबसे अधिक परेशानी

ओवरब्रिज बनने से पहले देवगढ़ वासियों को आसानी से हर मिनट में जयपुर-उदयपुर मार्ग के लिए साधन मिल जाते थे, लेकिन अब कामलीघाट राष्ट्रीय मार्ग पर ओवरब्रिज बनने के बाद दोनों और तीन किलोमीटर पर पुलिया खत्म होता है, जिससे इन मार्गों पर जाने के लिए ना तो कोई निश्चित स्टैण्ड है और सबसे बड़ी समस्या इस मार्ग पर रात को महिलाओं को होती है। अगर भूल से भी कोई पुलिया शुरू होने से पहले कोई गाड़ी उतार दे या पुलिया खत्म होने के बाद उतारे तो वहां से जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलता, जिससे हर वक़्त सुनसान जगह का डर बना रहता है।

अंडरब्रिज से होगी समय व आर्थिक नुकसान की बचत

सर्विस लाइन नहीं बनने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का संपर्क कट गया है। ब्रिज के अंतिम छोर पर यू टर्न लेकर कामलीघाट आना पड़ता है। वहीं, ओवरब्रिज से स्पीड़ में वाहन आते हैं, वहां आए दिन एक्सिडेंट होते रहते हैं। आपातकालीन स्थिति में मेडिकल सुविधा व उपचार के लिए भी एम्बुलेंस को तीन किलोमीटर घुमकर आना पड़ता है। वहीं, महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
समाजसेवी हरदेव भाट, कामलीघाट

जल्द राहत प्रदान करवाने का कर रहे प्रयास

रेलवे महाप्रबंधक जयपुर से बातचीत की है और पत्र भी दिया है, जिसको लेकर उन्होंने डीआरएम अजमेर को सर्वे के लिए भी भेजा था। मैं प्रयासरत हूं, जल्द ही इसका निवारण कर जनता को राहत प्रदान करवा दी जाएगी।
हरिसिंह रावत, विधायक भीम देवगढ़

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