कार्यक्रम में आईटी प्रशिक्षक अरीना बानो ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “साइबर अपराध में ठगी करने वाले अपराधी वर्तमान में पैसों की ठगी, ब्लैकमेलिंग और अन्य अपराधों में नित नए तरीके अपनाते हैं, जिससे आम लोग शिकार बनते हैं।” उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि आम लोगों की सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
एक माह का दिया जाएगा प्रशिक्षण
संस्था के सचिव निलेश पालीवाल ने बताया कि संस्था की ओर से दिसम्बर और जनवरी माह में जिले से 100 महिलाओं और युवतियों को साइबर सखी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके माध्यम से महिलाओं और युवतियों को साइबर अपराध से बचने के उपायों के बारे में बताया जाएगा और वे अपने परिवारों में इस ज्ञान को फैलाकर और अधिक लोगों को जागरूक करेंगी। यह सिखाएंगे प्रशिक्षण में
साइबर सखी को प्रदान किए जाने वाले ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण में निम्नलिखित विषय शामिल होंगे:
- डिजिटल लेन-देन
- साइबर फ्रॉड
- साइबर क्राइम की सूचना
- एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)
- डिजिटल अरेस्ट
- डीपफेक
- पासवर्ड की जानकारी
- सोशल मीडिया अकाउंट सुरक्षा
- मोबाइल लॉक और वीपीएन
- एपीआई फाइल
- प्रतिबंधित ऐप्स
- वीडियो कॉल सुरक्षा
- ऑनलाइन गेम्स और शॉपिंग की सुरक्षा
- ऑनलाइन शिकायत की जानकारी
इस प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाएं और युवतियां साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को समझकर समाज में जागरूकता फैलाने में मदद करेंगी, जिससे साइबर अपराधों को कम किया जा सकेगा।