योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से होगा उपचार
प्रदेश में एक भी मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर नहीं होने के कारण यहां के लोगों को केरल आदि जाना पड़ता था। वहां पर समय और खर्चा भी अधिक लगता था। वेलनेस सेंटर के बनकर तैयार होने के पश्चात कार्यकारी एजेंसी इसे संचालक मंडल को सौंपेगी। इसके पश्चात गायत्री परिवार एवं जिला आयुष कमेटी इसका संचालन करेगी। यहां पर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से रोगियों का उपचार किया जाएगा। यहां पर आईपीडी और ओपीडी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यहां पर भर्ती मरीजों को योगाभ्यास के साथ प्राकृतिक चिकित्सा के साथ अन्य क्रियाएं भी कराई जाएगी।
भवनों का हो रहा निर्माण
मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर में एडमिन बिल्ंिडग व ट्रीटमेंट सेक्शन, किचन व डाइनिंग हॉल, स्पेशल वार्ड, स्टाफ क्वार्टर, मेडिटेशन हॉल एवं वीआईपी कोटेज का निर्माण करवाया जा रहा है। यहां पर बनने वाले भोजन को बनाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। इसमें एलपीजी का उपयोग नाममात्र का करने की योजना है। ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को साफ कर उसका उपयोग खेती अथवा उद्यान में उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। यह होगी सुविधाएं
- ध्यान योग व पंचकर्म के लघु अवधि के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
- विभिन्न रोगों के उपचार के लिए पर्यटन के साथ-साथ विशेष हेल्थ पैकेज
- स्विमिंग पुल सुविधा एवं जल चिकित्सा की सुविधाएं
- ताजा फलों एवं वनस्पतियों के ज्यूस सेंटर, विशाल हर्बल गार्डन
- गौशाला का निर्माण, गौ उत्पाद एवं पंचगव्य आदि से चिकित्सा
- ट्यूरिस्ट के लिए स्पा, मसाज, स्त्रेहन, स्वेदन आदि बहिरंग सेवाएं
- पंचकर्म की स्पेशियलिटी सेवाएं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान केन्द्र
- स्टीम बाथ, सनबाथ, मडबाथ, जलनेती, सूत्रनेती जैसी प्राकृतिक चिकित्सा
साल के अंतक तक काम पूरा कराने का प्रयास
मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर का अभी भी 25 फीसदी काम शेष है। दिसम्बर तक काम पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। पहले भी समय सीमा बढ़ाई गई थी। जरूरत पडऩे पर जिला कलक्टर के निर्देशानुसार कार्य किया जाएगा।