नाथद्वारा अस्पताल में 44 सिलेण्डर का प्लांट पहले से है। नगर पालिका की ओर से 100 सिलेण्डर का तैयार है और डीआरडीओ की ओर से 200 सिलेण्डर के प्लांट का ढांचा बन रहा है। कुल क्षमता 344 सिलेण्डर की हो जाएगी, जबकि दूसरी लहर में औसतन 180-200 सिलेण्डर प्रतिदिन की खपत थी। ऐसे में करीब 150 सिलेण्डर ऑक्सीजन अतिरिक्त उपलब्ध होगी। यहां बेड बढ़ाए जा सकेंगे, वहीं बॉटलिंग करके ऑक्सीजन आसपास के अस्पतालों में भी भेजी जा सकेगी। आरके जिला अस्पताल की 34 सिलेण्डर की उत्पादन क्षमता पहले से है, जबकि 100 सिलेण्डर क्षमता का प्लांट बन चुका है। 66 सिलेण्डर क्षमता का प्लांट एनएचएम से बना है। कुल 200 सिलेण्डर ऑक्सीजन प्रतिदिन बनेगी, जबकि यहां कोरोना के चरम पर होने की स्थिति में 300 सिलेण्डर प्रतिदिन की मांग थी।
जिलेभर में दूसरी लहर में मची तबाही को देखकर बड़ी संख्या में दानदाता और कई औद्योगिक समूह-संस्थाओं ने आगे आकर ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर भेंट किए थे। 25 ऑक्सीन कॉन्संट्रेटर नाथद्वारा तथा 40 अकेले राजसमंद अस्पताल में ही भेंट किए। जिलेभर के सरकारी अस्पतालों को ये उपकरण उपलब्ध कराए गए।
नाथद्वारा अस्पताल के पीएमओ डॉ. कैलाशबिहारी भारद्वाज ने बताया कि मंदिर मण्डल से 30 और आईसीयू बेड की मांग की है, जिसमें 4 बेड एनआईसीयू के लिए, 11 पीआईसीयू के लिए और 15 बेड जनाना इकाई के लिए मांगे हैं। ऑक्सीजन बेड की क्षमता भी बढ़ाकर 100 तक की जा रही है।
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जिला अस्पताल ने अभी से जरूरी दवाएं मंगवा ली हैं। राज्य सरकार को भेजी गई मांग पर दवाओं, जरूरी चिकित्सकीय सामग्री का स्टॉक भेज दिया गया है।
दूसरी लहर में जरूरत पडऩे पर आपातकालीन इंतजामों के तहत राज्य सरकार की ओर से मंजूर करीब पांच करोड़ रुपए खर्च कर प्रशासन ने दरीबा के डीएवी स्कूल में 350 ऑक्सीजन बेड का कोविड केयर सेंटर तैयार करवाया था। हालांकि इसका काम पूरा होने में निर्धारित समय सीमा पार हो गई थी और दूसरी लहर में कुछ खास मदद नहीं मिली, लेकिन अब जरूरत पड़ी तो यहां एकसाथ सैकड़ों रोगियों का इलाज हो सकेगा। इसके अलावा हिन्दुस्तान जिंक ने खुद एक 100 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल तैयार किया है।
जिले में दूसरी लहर की शुरुआत के समय मार्च के अंत तक वैक्सीनेशन प्रोग्राम की गति धीमी थी, जो अप्रेल में कोरोना के पीक पर आने के दौरान और कम हो गई। जून में टीकाकरण अभियान वैक्सीन की उपलब्धता बढऩे पर फिर तेज हो गया है। जिले की करीब 12 लाख से ज्यादा जनसंख्या है, जिसमें 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के 8 लाख 11 हजार 803 लोग हैं, जिनमें से 3 लाख 36 हजार 725 को पहली डोज यानि 41.48 फीसदी तथा 79 हजार 435 लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। करीब 9.78 प्रतिशत लोग दोनों डोज लगवाकर पूरी तरह सुरक्षित हो चुके हैं।
जिलेभर के ग्रामीण अस्पतालों में 195 में से 156 डॉक्टर कार्यरत हैं, जबकि 39 विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी अब भी बनी हुई है। गत मई में आपातकालीन भर्ती के तहत 25 मेडिकल ऑफिसरों के खाली पदों के विरुद्ध भर्ती कर 21 के ऑर्डर जारी किए, जिनमें से 18 ने ड्यूटी ज्वॉइन की थी। इसके अलावा राजसमंद जिला अस्पताल और नाथद्वारा सामान्य चिकित्सालयों में 70 प्रतिशत डॉक्टर्स के पद भरे हुए हैं।
८११८०३ लोगों का है टीकाकरण का लक्ष्य
३३६७२५ लोगों को दी जा चुकी है पहली डोज
७९४३५ लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी
9.78 प्रतिशत लोग दोनों डोज लगवाकर पूरी तरह सुरक्षित हैं
450 के दो नए अस्थायी अस्पताल और हैं तैयार
544 सिलेण्डर कुल उत्पादन क्षमता हो जाएगी अस्पतालों में