उन्हें स्वयं भी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए दक्षिण कोरिया और जापान जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। ऐसे ही मुख्यमंत्री ने भी कई देशों में जाकर उद्योगों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। राइजिंग राजस्थान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में ये इन्वेस्टर समिट आयोजित किए जा रहे हैं। जिले में 5,538 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू होना अपने आप में उपलब्धि है।
ये विचार बैरवा ने शहर के समीप राबचा स्थित द मारूति नंदन ग्रांड में आयोजित इनवेस्टर समिट में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए। औद्योगिक विस्तार और रोजगार सृजन को लेकर सरकार के प्रतिबद्ध होने का विश्वास दिलाते हुए उन्होंने कहा कि जिले में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में नियमानुसार उद्योगों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ सहयोग किया जाएगा। सभी विभाग आपसी समन्वय से इसे सफल बनाएंगे।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने राइजिंग राजस्थान-2024 के तहत राज निवेश पोर्टल बनाया गया है, जिस पर निवेशक निवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2024 का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। राज्य में एससी, एसटी उद्यमियों के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम संचालित हैं, जिनका भी प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन कर व्यवसाइयों को सहयोग किया जा रहा है।
इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा 2024-25 अंतर्गत राज्य में औद्योगिक विकास की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है। राज्य सरकार के प्रथम वर्ष में ही राइजिंग राजस्थान आयोजित किया गया है ताकि यहां होने वाले एमओयू को समयबद्ध रूप से क्रियान्वित किया जा सके। हम चाहते हैं कि राज्य में अधिकाधिक रोजगार सृजित हो।
वे सफल कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि वे भी सुनिश्चित करेंगे कि जिले में उद्योगों को सड़क, बिजली, पानी सहित किसी भी प्रकार की मूलभूत समस्या नहीं हो। उद्योग सरल रूप से स्थापित हो इसके लिए वे कटिबद्ध रहेंगे, जो समस्याएं समिट में उद्योगों ने सरकार के समक्ष रखी है, उनके समाधान को लेकर वे गंभीरता से प्रयास करेंगे।
समारोह में पूर्व सिंचाई राज्य मंत्री व कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ ने कहा कि राजसमंद जिला एक शांतिपूर्ण जिला है, यहां व्यापारियों में भय नहीं है। उद्योगपतियों को सुविधाएं देना जरूरी है, जिसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी निवेशकों से कहा कि एमओयू के प्रोजेक्ट धरातल पर भी आएं जिससे जिला सर्वांगीण रूप से विकसित हो।
राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि जब निवेश आता है तब पलायन रुकता है। जिले में निवेश आने से निश्चित तौर पर आमजन को सीधा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि निवेशों के माध्यम से यहाँ स्थापित होने वाले उद्योगों में पचास प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यहां के एमओयू धरातल पर उतरें इसके लिए वे प्रयासरत रहेंगी।
इसी तरह जिला प्रभारी सचिव वरिष्ठ आईएएस एवं राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण अध्यक्ष विकास सीताराम भाले, कलक्टर बालमुकुंद असावा भी मंचासीन रहे। उन्होंने जिले में निवेश की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए सभी निवेशकों का स्वागत किया। मार्बल गैंगसा एसोसिएशन अध्यक्ष सत्यप्रकाश काबरा, राजसमंद ग्रेनाइट संस्थान अध्यक्ष शांतिलाल कोठारी, लघु उद्योग भर्ती राजसमंद से संदीप श्यामसुखा, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक भानुप्रताप सिंह राणावत एवं रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक राधाकिशन गुप्ता ने भी विचार रखे।
इन्होंने किए एमओयू व निवेश
राणावत व गुप्ता ने बताया कि समिट में कई उद्यमी भाग लेने पहुंचे और 5538.39 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू 106 इकाइयों की ओर से किए गए। ये निवेश धरातल पर आने से 26 हजार 500 लोगों को रोजगार मिलने का द्वार खुलेगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में सबसे बड़ा एमओयू हिन्दुस्तान जिंक लि. की ओर से राशि 3000 करोड़ रुपए का किया गया। ऐसे ही बीआई इंडिया पेंट्स ने 500 करोड़, सनसिटी लाइफ स्पेस ने 150 करोड़, अलास्का रिज़ॉर्ट ने 150 करोड़, यूटिका नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड ने 125 करोड़, मिराज बिजनस देवेलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 125 करोड़, आनंता चेरीटेबल एजुकेशनल सोसायटी ने 125 करोड़, लक्ष्मी बायो फ्यूलस ने 100 करोड़, श्रीलोक हिल्स ने 100 करोड़, केडिया ग्रांड होटल्स ने 80 करोड़, प्रयत्न रिज़ॉर्ट ने 58 करोड़, मैसर्स दिलीप कोठारी ने 55 करोड़, वेल्थ बिल्ड हॉटलस ने 50.73 करोड़, मैसर्स बंशी लाल पालीवाल ने 50 करोड़, भावना सिंह हेरिटेज रिज़ॉर्ट ने 50 करोड़, अर्जुन बाघ रिज़ॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने 50 करोड़, श्री हरीप्रिय इंडस्ट्री ने 50 करोड़ रुपए निवेश के एमओयू किए। ऐसे ही अन्य समस्त एमओयू मिलाकर राजसमंद इन्वेस्टर समिट में कुल 5538.39 करोड़ रुपए निवेश के एमओयू 106 इकाइयों द्वारा किए गए।