एक पूरी पीढ़ी मिट गयी लेकिन ख़त्म नहीं हो सका इन्तजार, पानी क्या होता है इनसे पूछिए
जानकारी के अनुसार मोहला ब्लॉक के कट्टापार के रहने वाले संतुराम उम्र 70 वर्ष और उनका बेटा किशोर उम्र 15 वर्ष पेड़ बनते जा रहे हैं। जब जिला अस्पताल के डाक्टरों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने संतुराम से संपर्क किया और उनका इलाज करने के लिए जिला अस्पताल ले आये।
पुलिस को अब करनी होगी उल्लुओं की रक्षा, मुख्यालय ने जारी किया निर्देश
यहाँ उनका इलाज किया जा रहा है और उनके चमड़ी को जांच के लिए भेज दिया गया है। इस बिमारी में इंसान की त्वचा पेड़ की छाल की तरह बेहद सख्त हो जाती है। जिसके कारण शरीर के अंगों को हिला पाना काफी मुश्किल हो जाता है। शरीर में काफी दर्द भी रहता है।
सोते समय भी घटा सकते हैं अपना वजन बस करना होगा ये छोटा सा काम
तीन पीढ़ियां है शिकार
संतुराम की तीन पीढ़ियों को ये बिमारी थी। उनके परिवार के सात लोगों की मौत इसी वजह से हो चुकी है। डाक्टरों का कहना है कि ये बिमारी अनुवांशिक होती है और पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। यही वजह है की पहले संतुराम और फिर उसके बच्चे इस बिमारी के शिकार हो गए।
पूरी दुनिया में ऐसे सिर्फ 200 लोग है
बीमारी को ट्री मैन सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह जीन से संबंधित एक बीमारी है। जेनेटिक एंड रेयर डिसीज इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार इस बीमारी से पीड़ित सभी लोगों की संख्या बताना मुश्किल है। आकड़ों के अनुसार इस बिमारी के शिकार पूरी दुनिया में सिर्फ 200 लोग ही है।