पुलिस के अनुसार शहर के चौखड़िया पारा निवासी प्रार्थी पंकज पढारिया पिता पुरूषोत्तम भाई पढारिया ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनका नंदई बायपास चौक में महामाया इंजीनियरिंग वर्क्स नाम से उनका फर्म है। कामकाज के सिलसिले के बीच उनकी मुलाकात पुरूषोत्तम दास मानिकपुरी से हुई। इस दौरान पुरूषोत्तम ने स्वयं के फाइनेंस कंपनी होने का हवाला देकर प्रार्थी पंकज को उनका कारोबार बढ़ाने 2 करोड़ रुपए लोन देने की इच्छा जाहिर की।
आरोपी पुरूषोत्तम ने व्यवसायी पंकज को 2 करोड़ रुपए लोन देने पर कुछ खर्च आने का हवाला दिया और दोनों में लोन को लेकर सहमति बन गई। इसके बाद आरोपी पुरूषोत्तम दास ने व्यवसायी पंकज से अलग-अलग तिथि में प्रार्थी से 39 लाख 22 हजार रुपए जमा करा लिए। रकम जमा करने के काफी समय बीत जाने के बाद भी लोन की रकम 2 करोड़ रुपए आरोपी द्वारा नहीं दिए गए। इसके बाद प्रार्थी द्वारा दिए गए रकम को वापस करने दबाव बनाने पर आरोपी पुरूषोत्तम दास द्वारा अपने एक साथी देवकुमार पटेल को जेल से बाहर निकालने के नाम पर व्यवसायी पंकज से फिर 3-3 लाख रुपए लिए गए।
CG Fraud: रायपुर सहित अन्य थानों में पहले से ही इन पर 420 के मामले दर्ज
आरोपी मानिकपुर ने प्रार्थी पंकज को बताया कि पहले दिए गए रकम देवकुमार के पास है और उसके जेल से बाहर आने के बाद उसे लौटाने का हवाला दिया गया। लोन के
लालच में फंस कर प्रार्थी पंकज धोखाधड़ी के शिकार होते गए। मुख्य आरोपी पुरूषोत्तम दास मानिकपुर की पत्नी ललिता मानिकपुरी, देवकुमार पटेल और एक अन्य आरोपी टिकाशंकर सिदार भी शामिल हैं। मानिकपुरी दंपती बिलासपुर के कोटा के रहने वाले हैं। उनके खिलाफ रायपुर सहित अन्य थाना में भी धोखाधड़ी के पहले से मामले दर्ज है। मामले के सभी आरोपी फरार हैं।