अब उनके यूनुस ब्लड डोनेशन ग्रुप में 3 सौ से अधिक युवा जुड़ चुके हैं, जो एक कॉल पर अपना रक्त देने के लिए तैयार रहते हैं। इनके ग्रुप के द्वारा अब तक 15 सौ से अधिक लोगों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचकर ब्लड देकर जान बचाया जा चुका है। इनके ग्रुप के युवा राजनांदगांव के अस्पताल के अलावा दुर्ग, भिलाई, रायपुर और धमतरी तक रक्तदान करने के लिए अपने खर्च पर पहुंचे हैं।
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आठवीं बटालियन में पदस्थ सिपाही शेख यूनुस कुरैशी बताते हैं कि 2001 में उन्होंने यहां ज्वाइनिंग ली है। इस दौरान 2011 में उनके दो भाइयों की इकलौती बहन को ब्लड कैंसर हो गया। उन्हें लगातार ब्लड की आवश्यकता पड़ती थी। उस समय रक्तदान को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं थी। तब उन्हाेंने रक्तदान करना शुरू किया।
कई बार बहन के लिए खरीद कर ब्लड की व्यवस्था की, पैसे लेकर घूमने पर भी ब्लड की व्यवस्था नहीं होती थी, इसके चलते एक दिन उनकी बहन की मौत हो गई। इसके बाद से उन्होंने रक्तदान को जन अभियान बनाने की ठानी थी।
45 बार से अधिक रक्तदान कर चुके
45 वर्षीय यूनुस अब तक 45 से अधिक बार रक्तदान कर जरूरतमंदों को मदद पहुंचा चुके हैं। इसके अलावा उनहोंने युवाओं की एक टीम भी बनाई है, मदद के लिए वाट्सअप ग्रुप बनाया है। उनके संगठन में लगभग 3 सौ युवा जुड़े हुए हैं, जो समय-समय पर जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करते हैं।
ग्रुप में सभी धर्म जाति के लोग जुड़कर सेवाभाव से काम कर रहे हैं। यूनुस ब्लड डोेनेशन संगठन द्वारा समय-समय पर शिविर का भी आयोजन किया जाता है। जन्मदिन पर हर साल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। कोरोना काल में भी लोगों की मदद की गई।
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Blood Donation: जितेंद्र ने जन्मदिवस पर किया 35वां रक्तदान
समाजसेवी संस्था छात्र युवा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष रक्तवीर जितेंद्र मानसिंह साहू ग्राम सिंघोला ने अपने जन्मदिन पर 35वीं बार रक्तदान किया। जितेंद्र का कहना है कि रक्तदान से बड़ी कोई मानव सेवा नहीं है। जो लोग रक्तदान करते हैं उन्हें दिल का दौरा पढ़ने की संभावना 88% कम होती है। किसी भी प्रकार की हृदय संबंधी बीमारी होने की संभावना 33% कम होती है। जब आप रक्तदान करते हैं तो यह आपके शरीर से 225 से 250 मिलीग्राम आयरन को हटा देता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।