ऐसे में राजगढ़ विधानसभा से जुड़े हुए लगभग 200 गांव की बिजली ठप हो गई थी। हालांकि बाद में अलग-अलग ग्रिड के सहारे थोड़ी बहुत बिजली गांव तक पहुंचाई जा रही थी, लेकिन जो नियमित बिजली गांव में मिलनी चाहिए उतनी पूर्ति नहीं हो रही थी।
इंस्टॉल होने में 10 से 12 दिन का समय
ऐसे में जगह-जगह विद्युत वितरण कंपनी का विरोध भी हुआ। क्योंकि यह ऐसा समय था जब किसानों को बिजली की ज्यादा जरूरत थी और नहर से भी पर्याप्त पानी नहीं आ रहा था। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश से 40 मेगावाट का नया ट्रांसफार्मर राजगढ़ लाया गया था। जिसे इंस्टॉल होने में 10 से 12 दिन का समय लगा है। शनिवार को इस ट्रांसफार्मर को पूरी तरीके से चालू कर दिया है। ऐसे में पहले की तरह ही अब गांव में बिजली की सप्लाई की जाएगी। ये भी पढ़ें: एमपी में बनेगा नया ‘कॉरिडोर’, ली जाएगी 17 गांवों की जमीन काफी परेशान हुए किसान
40 मेगावाट ट्रांसफार्मर के जलने के कारण एक तरफ जहां खेतों में लगी हुई फसलों को संवारने में परेशानी हुई। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाली आटा चक्की, मोबाइल दुकान, कियोस्क सेंटर और अन्य इलेक्ट्रिक संबंधी कुछ सूक्ष्म उद्योग प्रभावित हुए हैं। हालांकि अब ट्रांसफार्मर चालू होने के साथ ही एक बार फिर काम से चालू होगा।
जो ट्रांसफार्मर बीते दिनों खराब हुआ था। उसका इंस्टॉलेशन हो चुका है। गांव में वापस पूरी तरह से बिजली सप्लाई शुरू हो गई।- रवि बड़ोले, जेई एमपीईबी राजगढ़