scriptहम अभी जिंदा हैं बोला दंपती, यह सुनते ही हर कोई रह गया हैरान ! | Government kills old couple on paper | Patrika News
राजगढ़

हम अभी जिंदा हैं बोला दंपती, यह सुनते ही हर कोई रह गया हैरान !

जनसुनवाई में वृद्ध बोला: गरीब तो था ही अब पंचायत ने मुझे और मेरी पत्नी को मरा भी बता दिया!

राजगढ़Oct 02, 2019 / 01:30 pm

दीपेश तिवारी

हम अभी जिंदा हैं बोला दंपती,  यह सुनते ही हर कोई रह गया हैरान !

हम अभी जिंदा हैं बोला दंपती, यह सुनते ही हर कोई रह गया हैरान !

राजगढ़। मध्य प्रदेश में शासन के रेकॉर्ड में गलतियां तमाम कोशिशों के बावजूद सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद कमियां हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं है। ऐसा ही एक मामला राजगढ़ में जनसुनवाई के दौरान आया।

दरअसल मंगलवार को जनसुनवाई में आए एक मामले ने न केवल जनसुनवाई में आए लोगों को चौंका दिया, बल्कि इस दौरान यहां मौजूद अधिकारी भी मामले को सुनने के बाद एक दूसरे का चेहरा हैरानी भरी नजरों से देखते रह गए।

जानकारी के अनुसार जनसुनवाई के दौरान यहां एक वृद्ध अजीब आवेदन लेकर पहुंचा। इस आवेदन में उसने लिखा था कि हम गरीब हैं, लेकिन शासन की किसी योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा। क्योंकि पंचायत के रेकॉर्ड में हम मर चुके हैं।

ऐसे में शासन की योजना का लाभ मिले या न मिले। वह बाद की बात है, लेकिन हमें जिंदा तो कर दीजिए। ताकि हम अपना आवेदन कहीं लेकर जाए तो अपनी पहचान बता सकें।

मामला पचोर तहसील के ग्राम कडिय़ा चौरसिया के रहने वाले मांगीलाल जाटव का है। जहां उनकी पत्नी भंवरीबाई जाटव और उन्हें मृतक बता रखा है। दोनों ही गरीब हैं, लेकिन जनपद के रेकॉर्ड में मृतक होने से न तो उन्हें खाद्यान्न मिल रहा और ना ही शासन की अन्य योजनाओं का लाभ।

उन्होंने कहा कि न जमीन है न घर है। फिर भी किसी योजना का लाभ नहीं मिलता। यदि हमें जिंदा कर दिया जाएगा तो कभी कुछ आवेदन कर सकेंगे।

बातचीत के दौरान पीड़ित का कहना है कि अभी हम जिंदा हैं, लेकिन सरकारी कागजों में हमें मार दिया गया है। जिसके चलते हम अपनी पहचान तक किसी कार्यालय में नहीं दे सकते हैं। और यदि देते भी है तो कोई मानने को तैयार नहीं है। जबकि अभी हम दोनों जिंदा हैं और आपके सामने खड़े हैं।
इधर,अपने पटवारी ढूंढ़ को रहे ग्रामीण…
वहीं दूसरी ओर एक अन्य मामले में भ्याना में दो माह से लगातार हो रही बारिश से नाले के पास की बसाहट के साथ ही गांव में निचली बस्तियों में बने कच्चे मकानों की कई दीवारें गिर गईं। दर्जनों मकानों में पीडि़त परिवारों के लोग महीने भर से पटवारी के सर्वे का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आज तक सर्वे करने यहां कोई नहीं पहुंचा।
लंबे समय से हो रही बारिश से इंदिरा कालोनी में सजन बाई भिलाला की दीवार गिरने के बाद से वह पड़ोसी के मकान में रह रही है। वहीं खुजनेर रोड पर मालवीय मोहल्ले रहवासी मनोज, अरुण का परिवार भी बेघर हो गया। जानकारी देते बताया कि हमारा परिवार वर्षों से इन्ही कच्चे मकानों में रह रहे थे। शासन द्वारा दी जाने वाली किसी भी आवास का लाभ भी नहीं मिला।
अपने पटवारी ढूंढ़ को रहे ग्रामीण
IMAGE CREDIT: patrika
तीन सप्ताह पूर्व हमारे मकान गिरने के बाद से ही पटवारी को ढूंढने में लगे हैं। लेकिन पटवारी न तो हमे मिल रहे न ही हमारे घर पहुंचे। जिला प्रशासन भले ही बारिश से पीडि़त परिवारों को राहत पहुंचाने लगा हो।
लेकिन बारिश से बेघर हुए गरीबों के आशियानों की खैर खबर लेने वाला कोई नहीं है। बारिश से बेघर हुए मनोज, विनोद अरुण, छोटूलाल के साथ गांव में सत्यनारायण, जतन बाई, फूलसिंह सेन, सजन बाई भिलाला सहित अन्य अतिवृष्टि से गिरे मकानों के साथ ही अपने घर से बेघर हुए लोग आज भी पटवारी द्वारा किए जाने मौका मुआयना सर्वे का इंतजार कर रहे हैं।
आज तक गांव में पटवारी राजस्व टीम क्यों नहीं पहुंची में नायब तहसीलदार से बात करती हूं। कोई नहीं छूटेगा राजस्व टीम भेजकर अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करवाती हूं।
– निमिषा पांडे, तहसीलदार सारंगपुर

Hindi News / Rajgarh / हम अभी जिंदा हैं बोला दंपती, यह सुनते ही हर कोई रह गया हैरान !

ट्रेंडिंग वीडियो