पिछले 24 घंटे में 178 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि जिले की औसत बारिश 1107 की तुलना में लगातार 72 घंटे से चल रही बारिश ने यह आंकड़ा पार करते हुए 1260 मिलीमीटर बारिश पहुंच गया है। जो अगस्त माह में इससे पहले वर्ष 2007 के बाद अब पहुंचा है, उम्मीद जताई जा रही है की वार्षिक बारिश के आंकड़े इससे कई ज्यादा पहुंच सकते हैं। बारिश की बात करें तो इस साल सबसे ज्यादा बारिश ब्यावरा में 1525 मिलीमीटर और नरसिंहगढ़ में 1521 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। सारंगपुर में सबसे कम 923 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पिछले साल की जहां तक बात करें तो इस अवधि में मात्र 890 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
राजगढ़ से लेकर नरसिंहगढ़ तक पानी ही पानी
राजगढ़ जिले की पार्वती कालीसिंध, नेवज और अजनार समेत गढ़गंगा नदी उफान पर है। इस कारण निचली बस्तियों में पानी भर गया है। जिले में अगस्त में ही औसत से 150 मिमी अधिक बारिश हो चुकी है। राजगढ़ जिले का जनजीवन प्रभावित हुआ है।
नेवज ने लांघा पुराना बड़ा पुल
मोहनपुरा डैम से सुबह 14 गेट खोलते हुए 5350 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन पानी की आवक लगातार बनी हुई थी। यही कारण है कि शाम के समय एक बार फिर 14 गेट खोले गए। गेट 3 मीटर से 6 मीटर तक खोले गए, इस कारण इसका पानी पुराने बड़े पुल को भी पार कर गया। शहर के कईघरों में पानी भर गया। इससे पहले 2013 में और उससे पहले 2007 और 1996 में नेवज नदी ने इस पुल को पार किया था।
नरसिंहगढ़ में पानी ही पानी
इधर, नरसिंहगढ़ में भी पूरे शहर में पानी ही पानी हो गया था। निचली मंजिल पर रहने वाले ज्यादातर घर और दुकानों में पानी घुस गया। सब्जी मंडी, मुख्य बाजार, जामा मस्जिद, नेहरू पार्क के सामने, रामकुंड, बसोड़ गली, फूलबाग चौराहा, मर्कज मस्जिद चौराहा, मंगलवारिया समेत कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी।
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