मंत्री पटेल ने वन अधिकारियों को अभ्यारण्य में स्थित सभी तालाबों के किनारे रहने वाले पक्षियों पर निगरानी रखने और बर्ड फ्लू से संबंधित सभी प्रकार की सतर्कता एवं सावधानी बरतने के निर्देश दिये। चिड़ीखो अभ्यारण्य के अनुविभागीय अधिकारी जयराज सिंह राठौर ने जानकारी दी कि अभ्यारण्य में लगभग 170 प्रजाति के पक्षी और छह तालाब हैं। नियमित रूप से गश्त कर सभी वन्य-प्राणी और पक्षियों की सतत निगरानी की जा रही है।
अभ्यारण्य में पक्षियों के अलावा तेंदुआ, मोर, बंदर, साही, सांभर, हिरण आदि वन्य-प्राणी भी हैं। पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ. शर्मा ने बताया कि सम्पूर्ण क्षेत्र में पक्षियों पर निगरानी रखते हुए भारत और राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन किया जा रहा है। अभ्यारण्य के आसपास काफी गौरया हैं। इनमें से किसी में भी कोई बीमारी नहीं मिली है। मंत्री पटेल ने विभाग की 1962 पशुधन संजीवनी योजना की समीक्षा भी की। योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को घर पहुंच उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सुविधा कॉल-सेंटर आधारित है।