मंत्री गौतम टेटवाल पर आरोप है कि वह ओबीसी में आने वाली जिनगर दर्शाई जाति से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने अनुसूचित जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। हालांकि, इस मामले में पहले छानबीन समिति ने मंत्री को क्लीन चिट दे दी थी। फिर याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि समिति ने जल्दबाजी में फैसला सुना दिया। इसी आधार पर हाई कोर्ट में दोबारा याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में इस याचिका को स्वीकार कर सभी से जवाब मांगा है।
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पिछले साल जुलाई माह में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंठपीठ में मंत्री गौतम टेटवाल के जाति-प्रमाण को लेकर याचिका दायर की गई थी। बता दें कि,
राजगढ़ की सारंगपुर विधानसभा सीट एससी (SC Reserved seat) के लिए आरक्षित है। साल 2023 नवंबर में विधानसभा चुनाव हुआ था। टेटवाल ने सारंगपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कला महेश मालवीय को 23,054 वोट से हराया था।
इसके बाद इंदौर खंडपीठ में टेटवाल के खिलाफ जितेंद्र कुमार मालवीया ने याचिका दायर की थी। जितेंद्र कुमार राजगढ़ जिले के रहने वाले हैं। याचिका में मंत्री पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने फर्जीवाड़ा कर एससी के तहत आने वाले मोची समुदाय का जाति प्रमाणपत्र बनवाया था। याचिका के जरिए कोर्ट से मांग की गई थी कि मंत्री टेटवाल से जुड़े सभी रिकॉर्ड को तलब किया जाएं और उनके जाति प्रमाणपत्र की जांच कराई जाए।