जानकार बताते हैं कि टमाटर बाहरी बाजार में सत्तर अस्सी रुपये किलो भी बिकता है। अभी कुछ दिन पहले तक पचास रुपये प्रति किलो से अधिक कीमत पर बिका। लेकिन लाॅकडाउन शुरू होते ही किसानों की दुश्वारियां प्रारंभ हो गई।
किसान नीरज ठाकुर ने तीन एकड़ में टमाटर उगाया था। पैदावार भी बंपर हुआ। लेकिन जब टमाटर पके तो लाॅकडाउन शुरू हो गया। नीरज ठाकुर बताते हैं कि लाॅकडाउन की वजह से वह टमाटर बाहर की मंडी में नहीं भेजवा सकते, ऐसे में उसे तोड़वाना भी महंगा साबित होगा। इसलिए उन्होंने खेतों में ही उसे सूखने को छोड़ दिया।
किसान बताते हैं कि वे लोग खेतों में ही टमाटर को सूखने के लिए छोड़ दिए हैं। पशुओं के चारा के लिए उपयोग कर रहे हैं।
किसान बताते हैं कि पचास से अस्सी रुपये किलो आमतौर पर बिकने वाला टमाटर अब फुटकर में दस से बीस रुपये किलो बिक रहा। जबकि थोक व्यापरी एक से डेढ़ रुपये किलो खरीद रहे हैं। किसानों की मानें तो 20 से तीस रुपये प्रति केरेट वह टमाटर थोक व्यापारियों को दे रहे हैं। एक केरेट में बीस किलोग्राम टमाटर होता है।