प्रशासनिक लापरवाही से दर्जनों लोगों पर आई आफत कोरोना से बचने के लिए लाॅकडाउन के नियम तो बन रहे लेकिन उसका पालन नहीं हो पा रहा है। युवती के कोरोना पाॅजिटिव निकलने व उसके संपर्क में आए 32 लोगों के क्वारंटीन किए जाने से यह साफ उजागर हो रहा है। ये सभी लोग युवती से उसके ससुराल से लेकर पीहर तक जुड़े रहे हैं।
बताया जाता है कि सतलापुर के युवक का विवाह भोपाल के कंटेनमेंट क्षेत्र जाटखेड़ी गांव की युवती के साथ 18 मई को हुआ था। इस शादी की प्रशासनिक अनुमति मिलने व सावधानी बरतने में की गई चूक से ही नए हाॅटस्पाॅट की जमीन तैयार हो गई थी। वजह यह कि प्रशासन ने न जाने किस प्रभाव में आकर रायसेन जिले से भोपाल के कंटेनमेंट एरिया में विवाह की अनुमति दे दी थी। तिस पर यह कि भोपाल से जब बाराती वापस लौटे तो उनकी जांच तक कराया जाना स्वास्थ्य विभाग ने जरूरी नहीं समझा। सबसे अहम यह कि जिस युवती का सैंपल कोरोना संदिग्ध मानकर लिया जाता है, उसे क्वारंटीन करने की बजाय शाम को उसके शादी की अनुमति दे दी जाती है।
लड़की-लड़का पक्ष का कहना है पूरी तरह नियम का किया पालन दुल्हन के भाई विवेक का कहना है कि शादी में दूल्हे पक्ष के केवल तीन लोग आए थे। पूरी शादी में महज छह लोग शामिल हुए थे। जबकि दूल्हे के चाचा लखनलाल का कहना है कि शादी में वह लोग महज तीन लोग गए थे। बरात लेकर कोई बस नहीं गई थी। यहां दुल्हन की विदाई कराने के बाद एक-एक करके पारिवारिक सदस्यों ने दुल्हन से मुलाकात की। जाटखेड़ी गांव में भी पुलिस थाना प्रभारी व कई पुलिसकर्मी आए थे। बरात के दौरान उन्होंने व्यवस्था देखी थी। उन्हेांने कहा कि दुल्हन की रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी 32 लोग क्वारंटीन हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे रिपोर्ट में दुल्हन की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। दुल्हन के माता-पिता की भी रिपोर्ट नेगेटिव ही आई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन गलत तरीके से कार्रवाई कर रहा है। यह उचित नहीं है।