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पुलिस के मुताबिक बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम मशीनों में कैश जमा करने का काम कैश मैनेजमेंट कंपनी राइटर बिजनेस सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड करती है। कंपनी अलग-अलग एटीएम में नकद रकम जमा करती है। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। मुकेश सिंह ठाकुर और धर्मेंद्र रात्रे एटीएम ऑफिसर के तौर पर काम करते थे।यह भी पढ़ें: चेतावनी देने के बाद भी नहीं सुधरे, ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में बना डाला ये रिकॉर्ड
दोनों भिलाई स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के चेस्ट से नकद राशि लेकर एटीएम मशीनों में रकम जमा करते थे। उन्हें एटीएम के पासवर्ड की जानकारी रहती थी। सुंदर नगर स्थित एटीएम में भी उन्होंने रकम जमा किया था। 2 मार्च को कंपनी के ऑडिटर ने चेस्ट और एटीएम मशीनों में जमा राशि का ऑडिट किया, तो 2 लाख 90 हजार रुपए कम मिले। इसके बाद दोनों कर्मचारियों पर शक हुआ। बैंक के अन्य एटीएम की भी जांच की गई, तो कुल 27 लाख 73 हजार 700 रुपए का गबन सामने आया। इसकी शिकायत डीडी नगर थाने में की गई।यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में जरा-सी असावधानी से 9 दिन में 158 लोगों ने गंवाई जान
पुलिस ने दोनों एटीएम अफसरों के खिलाफ धारा 406 व 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में दोनों ने राशि निकालना स्वीकार किया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी कई दिनों से अलग-अलग एटीएम से थोड़ा-थोड़ा करके रकम निकालते थे। एटीएम वाल्ट के लिए दो पासवर्ड की जरूरत पड़ती है। यह पासवर्ड धर्मेंद्र और मुकेश के पास थे। इसकी मदद से ही राशि निकाल सकते थे।