शनिवार-रविवार दरमियानी रात 2 बजे बसें कोटा पहुंचीं। पूर्व में ही सभी छात्रों तक यह संदेश पहुंचा दिया गया था कि उनके संभाग की बसें किस पिकअप पाइंट्स पर खड़ी हैं। जानकारी के मुताबिक छात्रों को संभागवार शाम 4 से 7:30 बजे का समय दिया गया था। मगर छात्रों सुबह से आना शुरू हो चुके थे। शाम 7 बजे तक रायपुर, सरगुजा, बस्तर संभाग के छात्र बस में बैठ चुके थे। रात 10 बजे तक दुर्ग और बिलासपुर संभाग के भी छात्र बैठ गए थे। रात 10:30 बजे बसें रायपुर के लिए रवाना हो गई थी। नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मुकेश कोठारी के नेतृत्व में सभी संभागों के नोडल अधिकारी बसों के साथ पुलिस फोर्स की मौजूदगी में साथ-साथ निकले। इन सभी का क्वारंटाइन सेंटर में रैपिड टेस्ट करवाया जाएगा।
जैसा ‘पत्रिका’ को नोडल अधिकारी मुकेश कोठारी ने बताया-
मैंने देखा कि छात्र सुबह से पिकअप पाइंट्स पर पहुंचने लगे थे। कुछ लोगों को छत्तीसगढ़ की बसें देखकर रोते हुए देखा। ये सभी हम सब अधिकारियों को अधिकारियों को बार-बार थैंक्यू कह रहे थे। इनके चेहरों से परेशानी पढ़ी जा सकती है। कुछ से जब मैंने पूछा तो बोले- सर, हमारा कोर्स पूरा हो चुका था। हमें घर लौटना ही था…। मुकेश कोठारी ने कहा कि अभी तक हमें कवर्धा तक साथ जाने के निर्देश हैं। उसके बाद की जानकारी सोमवार की सुबह प्राप्त होगी।
किस जिले के छात्र कहां होंगे क्वारंटाइन-
दुर्ग में सरगुजा, सूरजपुर और कोरिया के छात्रों को रखा जाएगा, तो वहीं रायपुर में बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, जांजगीर, कोरबा, पेंड्रा और कांकेर वहीं बिलासपुर में दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा और कवर्धा के छात्रों को रखा जाना तय हुआ है। इसके लिए कॉलेज, विज्ञान केंद्र, छात्रावास, स्कीूल, लॉज, कैरियर पाइंट्स को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।
सीएम ने जताया आभार-
‘पत्रिका’ की खबर पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर 2400 छात्र-छात्राओं को कोटा से छत्तीसगढ़ लगाया जा रहा है। सीएम ने छात्रों की घर वापसी में भूमिका निभाने वाले विभागों के अफसरों, वाहन चालक व परिचालकों का आभार जताया है। छात्रों ने भी राज्य सरकार को सुक्रिया अदा किया है।
प्रदेश से बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य विभाग के जो प्रोटोकॉल हैं वही कोटा से आने वाले छात्रों के लिए भी हैं। किसी को गृह जिले में नहीं रखेंगे।प्रत्येक की जांच होगी।
-सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़