बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री रहे सुरेश प्रभु ने इस बात की पहल की थी कि ट्रेनों का ज्यादा वेटिंग टिकट जारी होने पर रोक लगेगी। बल्कि जितनी बर्थ, उतनी टिकट से कुछ ज्यादा टिकट जारी करने के सिस्टम को रेलवे प्रशासन अपनाएगा। ताकि यात्रियों को आरामदायक सफर की सुविधा मुहैया हो सकेगी। लेकिन, यह तरीका रेलवे के सिस्टम में 8 साल बाद भी अमल में नहीं आया। बल्कि इस दौरान करंट रिजर्वेशन टिकट सिस्टम जरूर लागू हुआ। यानी कि ट्रेन छूटने के दो घंटा पहले यदि ट्रेन में बर्थ खाली है तो बर्थ मिल जाएगी।
रेलवे के आंकड़े चौंकाने वाले रेलवे यात्रियों का त्योहारी सीजन नवरात्रि प्रारंभ होने के साथ ही शुरू हो गया। क्योंकि त्योहार, छुट्टियों एवं अन्य अवसरों के समय ट्रेनों में ज्यादा यात्री सफर करते हैं, ऐसे में ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाकार ही रेलवे कुछ वेटिंग टिकट कंफर्म करता है। दो दिन पहले जारी रेलवे का आंकड़ा चौंकाने वाला है। त्योहारों से लेकर गर्मी के महीनों में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अप्रैल-2023 से सितंबर-2023 तक कुल 241 अतिरिक्त अस्थायी कोच लगाने की नौबत आई है। इसके साथ ही 34 अलग-अलग ट्रेनों में 53 स्थायी कोच भी लगाए गए हैं। इन सभी कोचों से लगभग 2 लाख 50 हजार से भी अधिक यात्रियों को कन्फर्म बर्थ की सुविधा मिल पाई।