त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: छत्तीसगढ़ के 33 जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण तय, यह सीट हुई अनारक्षित मुक्त, देखें List
CG Election 2025: छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रकिया पूरी हो गई है। शनिवार को प्रदेश के 33 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण हो गया है।
Three-tier Panchayat elections: नगरीय निकायों के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण तय हो गया है। निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की कार्रवाई की गई।
प्रदेश के 33 जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया की गई। इसमें ओबीसी वर्ग के खाते में एक भी सीट नहीं आई है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही जारी सूची को रद्द कर नई सूची जारी करने की बात कहीं है। वहीं इस बार रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित (मुक्त) है। यानी यहां से कोई भी चुनाव लड़ सकता है।
अनुसूचित जनजाति (मुक्त) जिलों में कोरिया, सरगुजा, बलरामपुर, जशपुर, कोरबा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी शामिल हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए सूरजपुर, कांकेर, बस्तर, कोंडागांव, सुकमा, बीजापुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला रखा गया है।
अनारक्षित महिला वर्ग में रायगढ़, सक्ती, राजनांदगांव, बेमेतरा, बालोद, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और बलौदाबाजार-भाटापारा शामिल हैं। अनारक्षित मुक्त में मुंगेली, सारंगढ़-बिलाईगढ़, कबीरधाम, रायपुर, महासमुंद और धमतरी जिला शामिल हैं। अनुसूचित जाति (मुक्त) में बिलासपुर और गरियाबंद जिले को रखा गया है। इसी तरह से अनुसूचित जाति महिला में जांजगीर-चांपा और दुर्ग जिला शामिल हैं।
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 15 को
अभी दावा-आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है। इसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 15 जनवरी को किया जाएगा। इसके बाद कभी भी चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, पूरे छत्तीसगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष का एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है। जबकि, यहां आधी आबादी ओबीसी की है। प्रदेश की आधी आबादी जो अन्य पिछड़ा वर्ग का है उस बहुसंयक आबादी के साथ भाजपा की साय सरकार अन्याय कर रही है। पिछड़ा वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण का दावा करने वाले भाजपाई गायब हैं। भाजपा के ओबीसी नेता दलीय चाटुकारिता में चुप है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में भी ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उमीदवारों के लिए आरक्षित हुआ करती थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है।
पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें अब सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावनापूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था, वह अब सामान्य सीटें घोषित हो गई हैं।
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