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लाखाें रुपए का सामान खराबनिगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी और महापौर एजाज ढेबर दो महीने से यही दावा करते रहे कि रायपुर स्मार्ट सिटी है, इसलिए इस बार किसी मोहल्ले और कॉलोनियों में पानी नहीं भरेगा। ऐसे दावे पहली बारिश में बह गए। जलभराव के कारण लाखों रुपए का सामान लोगों के घरों का खराब हो गया। आश्चर्य ये कि बारिश शुरू होने के कुछ दिनों पहले आनंदनगर में 100 मीटर तक गहरा और 10 फीट चौड़ा नाला खोद दिया गया। अब पानी निकासी के लिए पंप लगाने पड़े हैं।
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40 से 50 घरों में आफत, पानी निकालने में 5 घंटे लगे रविवार की रात से शुरू हुई बारिश से मौलीपारा, आनंद विहार के 40 से 50 घरों में आफत आ गई। सुबह होते-होते लोगों के घरों में दो से ढाई फीट तक पानी भर गया। सोफा, खाने का सामान डूब गया। लाल बहादुर शास्त्री वार्ड के पार्षद कामरान अंसारी जेसीबी लेकर पहुंचे और निगम आयुक्त को सूचना दी। पार्षद अंसारी ने बताया कि बरसों पुराना नाला बंद करके बिल्डर ने पूरी जमीन ऊंची कर दी। इसलिए जल विहार, तेलीबांधा, रविग्राम से पानी जाने का रास्ता ही बंद हो गया। जेसीबी से लगातार खुदाई कराने के बाद 4 से 5 घंटे में लोगों के घरों से पानी निकला।जलभराव की सूचना पर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी दोपहर 1 बजे मौलीपारा और तेलीबांधा गुरुद्वारे के पीछे पहुंचे। आयुक्त चतुर्वेदी पानी और कीचड़ में कूदे और अपने सामने बिल्डर को तलब किया और जेसीबी से नाले को सीधा खुदवाने के आदेश दिए। इसके बाद पानी निकलना शुरू हुआ। इस दौरान निगम और जोन-3 के अधिकारी भी सक्रियता दिखाते हुए नजर आए। उनका कहना था कि बिल्डर ने निजी जमीन बताकर बीचों बीच नाले को किनारे कर दिया था।