Kawasi Lakhma Arrested: लखमा पर लगे ये आरोप
बता दें कि इससे पहले
कवासी लखमा से 2 बार ईडी ने लगभग 8-8 घंटे पूछताछ की थी। वहीं ईडी दफ्तर में अंदर घुसने से पहले कवासी लखमा ने कहा था कि पूछताछ के बुलाया गया है इसलिए आया हूं। हमारा देश कानून के हिसाब चलता है, अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे, तो मैं एक नहीं 25 बार आऊंगा।
ईडी की जांच के अनुसार, लखमा पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले के जरिए अवैध रूप से करोड़ों रुपये कमाए। आरोप यह भी है कि लखमा को शराब घोटाले की अवैध कमाई के रूप में प्रति माह 50 लाख रुपये का कमीशन मिलता था। इस घोटाले में अन्य प्रमुख आरोपितों में आबकारी विभाग के अधिकारी, व्यवसायी और कई उच्च सरकारी कर्मी शामिल हैं।
ED के अफसरों को कन्फ्यूज भी करते रहे
सूत्रों के मुताबिक, कवासी लखमा ने कांग्रेस सरकार के समय चलाए गए शराब के सिस्टम को लेकर ED को जानकारी दी है। लखमा पर अफसरों ने एक्शन का दबाव भी बातचीत में बनाया। लखमा इस पूछताछ में कई बार खुद के अनपढ़ होने, दस्तावेज में क्या लिखा था, समझ नहीं आने की बात कर
ED के अफसरों को कन्फ्यूज भी करते रहे।
हालांकि, ED ने आधिकारिक तौर पर इस पूछताछ को लेकर कुछ नहीं कहा है। लखमा के घर पर छापे के बाद निदेशालय ने पूर्व मंत्री के कमीशन लेने की बात कही थी। अब इस (Kawasi Lakhma Arrested) केस में जल्द ही ED कुछ नई गिरफ्तारी करने की तैयारी में है।
CG Sharab Ghotala: छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है।
(chhattisgarh news) दर्ज FIR में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डूप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी, जिससे शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था।
CG Sharab Ghotala: लखमा ने कहा था यह राजनीतिक साजिश
बीते दिनों
कवासी लखमा में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी कोई पुरानी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है।
बस्तर की जनता ने उन पर विश्वास जताया है। वह स्थानीय गरीब आदिवासियों के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने बताया कि विधानसभा में स्थानीय आदिवासियों को मारने, प्रताड़ित करने और निजीकरण को लेकर सवाल उठाया था। इसे देखने हुए उन्हे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
ईडी जिस शराब घोटाले की जांच कर रही है, उसके संबंध में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी वह बता चुके हैं कि निरक्षर होने के कारण उनसे फाइलों में हस्ताक्षर करवाया गया है। इस घोटाले से अर्जित एक रुपया भी उन्हें नहीं मिला है। इसके बाद भी घोटाले में बिना वजह फंसाया जा रहा है। इसकी सजा उन्हें ईश्वर जरूर देगा।