इसके बाद दिन-रात नदी से रेत खींचते रहते हैं और किनारे पर रेत जमा करते हैं। रेत का पानी बह जाने के बाद हाइवा में लोड कर ले जाते हैं। ऐसा महानदी के कई घाटों में भी हो रहा है। उल्लेखनीय है कि 15 अक्टूबर से रेत खदानों से रेत निकालने की अनुमति जारी कर दी गई है। इसके बाद से ठेका लेने वाले तो रेत निकाल रहे हैँ, साथ ही अवैध रूप से भी रेत निकालने का काम भी हो रहा है।
CG Smugglers: मशीन जब्त
आरंग से लगे ग्राम गुदगुदा में डोंगा (नाव) में सेक्शन मशीन लगाकर नदी से रेत निकाला जा रहा था। इसकी सूचना मिलने पर खनिज विभाग ने मौके पर छापा मारा। मौके से नाव और सेक्शन मशीन को जब्त किया गया है। यहां मशीन से रेत निकालकर बड़ी मात्रा में एकत्र करते थे। इसके बाद हाइवा और अन्य मशीनों में लोड करके ले जाते थे।
खनिज विभाग ने हाइवा, मशीन और नाव को जब्त कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। बताया गया है कि आरोपियों ने इसके लिए अनुमति नहीं ली थी।
13 जगह रेत निकालने की अनुमति
रायपुर जिले में खनिज विभाग ने 13 घाटों पर रेत उत्खनन की अनुमति जारी की है। इनमें से 6 घाटों पर पर्यावरण ने उत्खनन करने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि इन स्थानों पर भी चोरी-छिपे रेत निकालने का काम जारी है। जैसे-जैसे नदी में पानी का स्तर कम हो रहा है, वैसे-वैसे इन घाटों से रेत निकालने वालों की संख्या बढ़ गई है। प्रदेशभर में 120 से अधिक स्थानों पर नदियों के किनारे से रेत निकाली जा रही है।
सूखे स्थान से ही निकालने का नियम
पर्यावरण विभाग की ओर निर्देश हैं कि सूखे स्थानों से ही रेत निकाली जा सकती है। नदी के सूखे हुए किनारों से ही रेत निकालना है, जबकि अधिकांश ठेकेदार ऐसा नहीं कर रहे हैं। वे अब पोकलेन, चेन माउंटेन के अलावा नावों में सेक्शन मशीन लगाकर रेत निकाल रहे हैं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की गई है। मामले में
एफआईआर भी कराया गया है।