वकालत से संन्यास की घोषणा करने के साथ उन्होंने ये भी कहा है कि देश अच्छी स्थिति में नहीं है। पिछली और मौजूदा दोनों सरकारों ने देश को नीचा दिखाया है। उन्होंने देश की वर्तमान स्थिति को एक विपत्ति के समान बताया। यह भी कहा कि इससे उबारने की जिम्मेदारी ‘बारÓ के सदस्यों के साथ अच्छे नागरिकों की भी है।
आज की तारीख में देश के सबसे अच्छे व सबसे महंगे वकीलों में से एक जेठमलानी ने 17 साल में वकालत की डिग्री ले ली थी। 18 साल की उम्र में वकालत का लाइसेंस मिला, जबकि उस वक्त नियमानुसार २१ से कम उम्र के व्यक्ति को लाइसेंस नहीं दिया जाता था। वह देश के सबसे कम उम्र में लाइसेंस हासिल करने वाले वकील भी हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कानून मंत्री बने थे। उसी दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस आदर्श सेन आनंद और अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी से मतभेद हो जाने के कारण उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
विगत एक वर्षों से वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से दर्ज मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के केस की पैरवी को लेकर भी चर्चा में हैं। इसके एवज में उन्होंने अरविंद केजरीवाल को 3 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिल थमाया था। बाद में उन्होंने यह कहा था कि अगर दिल्ली सरकार या अरविंद केजरीवाल उनकी फीस भरने में असमर्थ है तो वो उन्हें गरीब मानकर बिना फीस के उनका केस लड़ेंगे।
इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों का, राजीव गांधी की हत्या के आरोपियों का, अंडरवल्र्ड डॉन हाजी मस्तान केस, जेसिका लाल हत्याकांड, सोहराबुद्दीन हत्याकांड में अमित शाह के वकील, चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव का केस, आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता के वकील, टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में कनिमोझी की पैरवी की, अवैध खान मामले में भाजपा नेता येदियुरप्पा का मुकदमा, रामलीला मैदान मामले में बाबा रामदेव के वकील, सेबी मामले में सुब्रत राय के वकील, शेयर प्रतिभूति घोटाले में हर्षद मेहता व केतन पारेख के वकील, जोधपुर बलात्कार मामले में आसाराम के वकील, दिल्ली उपकार कांड में अंसल बंधुओं के वकील।