पुलिस के मुताबिक महासमुंद के ग्राम सांकरा निवासी मोनिका मिर्धा की कुसुम यादव और हरीश पटेल से पहचान थी। कुसुम खुद को अंबेडकर अस्पताल का नर्स बताती थी। मोनिका को कुसुम और हरीश ने झांसा दिया। उन्हें बताया कि स्वास्थ्य विभाग में उनकी जान पहचान है। वे बलौदाबाजार
स्वास्थ्य विभाग में उनकी नौकरी लगवा सकते हैं। दोनों ने झांसा देकर युवती से नौकरी के एवज में अलग-अलग दिन कुल 1 लाख 25 हजार रुपए ले लिया। इसके बाद उन्हें एक ज्वाइनिंग लेटर दिया।
ज्वाइनिंग लेटर में दिए तारीख के अनुसार युवती
बलौदाबाजार सीएमएचओ कार्यालय पहुंची। इसके बाद पता चला कि ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। ऐसा कोई पत्र स्वास्थ्य विभाग से जारी नहीं हुआ है। पीड़ित युवती ने आरोपियों से अपने पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने पैसे नहीं दिए। इसकी शिकायत पर पंडरी पुलिस ने कुसुम और हरीश के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में अपराध दर्ज किया।
मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं
ठगी के पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोई और है। उसे पुलिस ने अब तक गिरफ्तार नहीं किया है। इसमें पकड़े गए कुसुम और हरीश केवल मोहरा है। दोनों ने सामने आकर ही बेरोजगारों से पैसा लिया था। आरोपियों ने मोनिका के अलावा आरोपियों ने पिंकी पटेल, सुनीता पटेल निवासी दुर्गापाली सराईपाली, मनीष सिन्हा, श्रद्धाजंलि प्रजापति और गिरजा साहू से भी अलग – अलग विभागों में नौकरी लगाने का झांसे देते हुए लाखों रुपए लिए हैं। पैसे लेकर सभी को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दिया गया है।