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गौरतलब है कि दूसरी लहर (अप्रैल) में रायपुर देश के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में से एक था। जहां रोजाना 3-4 हजार मरीज मिल रहे थे। 50 से अधिक मौतें हो रही थीं। मगर, धीरे-धीरे संक्रमण पर नियंत्रण पाया गया। अब तक रायपुर जिले में 1,57,593 लोग संक्रमित हो चुके हैं, तो वहीं 3136 जानें जा चुकी हैं। अभी रोजाना 15-20 मरीज मिल ही रहे हैं। मगर, मौतों का आंकड़ा शून्य या 1 रह रहा है। बीते कुछ दिनों के टीकाकरण आंकड़े बताते हैं कि रायपुर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में लोग उत्साहित हैं। बस वैक्सीन की कमी के कारण थोड़ी निराशा जरूरी दिखती है।यह भी पढ़ें: खतरा बरकरार: एमपी, यूपी समेत 7 राज्यों में जितने मरीज मिले, उतने अकेले छत्तीसगढ़ में
वहीं प्रदेश में एक बार फिर वैक्सीन संकट गहराता दिख रहा है। राज्य को बीते 10 दिनों से हर रोज 94 हजार डोज लगी हैं। केंद्र से जितनी वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई, 23 जुलाई की सुबह तक सिर्फ 1.89 लाख डोज बचे थे। इनमें से कोवैक्सीन (COVAXIN) के 83330 और कोविशील्ड के 106050 डोज। शुक्रवार शाम तक 24 हजार डोज लगे थे, यानी की कुल 1.65 लाख डोज ही उपलब्ध हैं। जिनमें से कोवैक्सीन सेकंड डोज वालों को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जुलाई में राज्य के लिए 24 लाख डोज का कोटा तय किया गया था, जिसमें से 18 लाख सरकारी केंद्रों के लिए मुहैया करवाई जानी है।यह भी पढ़ें: कोरोना के ट्रेंड में नया बदलाव, 24 घंटे में मिले इतने पॉजिटिव, कहीं वायरस की री-एंट्री तो नहीं
बीते 3 दिनों से टीकाकरण की रफ्तार 50 हजार डोज के अंदर जा सिमटी है। 21 जुलाई को 46 हजार, 22 जुलाई को 40 हजार और 23 जुलाई की शाम 6 बजे तक 24 हजार डोज लगे। वैक्सीन कम है इसलिए टीकाकरण केंद्र की संख्या 1200 से 1300 के बीच ही रखी जा रही है।महानगर- पहला डोज- दूसरा डोज
दिल्ली- 35.01- 11.01
मुम्बई- 51.01- 15.07
चेन्नई- 51.06- 17.09
कोलकाता- 61.08- 21
(नोट- सभी आंकड़े प्रतिशत में हैं।)