यह भी पढ़ें:
CG News: नहीं सुधर रही सफाई व्यवस्था, अब कभी भी हो सकती है निगम की परीक्षा उन्नत तकनीक से लैस मशीनें
वैक्यूम मशीनें 20 फीट तक की दूरी पर स्थित कचरे को आसानी से इकट्ठा करने में सक्षम हैं। यह तीन-अक्षीय हाइड्रॉलिक टेलीस्कोपिक बूम आर्म और स्वायत्त फ़िल्टर सफाई प्रणाली से लैस है, जो बड़ी मात्रा में धूल और कचरे को संग्रहित करने में मदद करती है। 1.5 घन मीटर एल्युमिनियम हॉपर कंटेनर के साथ यह मशीन 6 फीट की ऊंचाई से कचरे को डंप करने में भी सक्षम है।
कचरा प्रबंधन में प्रभावी बदलाव
इन मशीनों का उपयोग करते हुए एक घंटे में लगभग 1.5 टन कचरा इकट्ठा और परिवहन किया जा सकता है। मशीन को 1 घंटे चलाने में 3 लीटर डीजल की खपत होती है। नगर निगम के
अधिकारियों का कहना है कि इन मशीनों के आने से सफाई कर्मियों की जरूरत कम हो जाएगी। पहले जहां 20 सफाई कर्मियों की आवश्यकता होती थी, अब मशीन के संचालन के लिए केवल 2 से 3 लोगों की जरूरत होगी।
स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग सुधार की उम्मीद
नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि मशीनों के उपयोग से शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार होगा और स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इसका फायदा मिलेगा। 2023 के क्लीन एयर सर्वे में रायपुर का स्थान 16वां था, जबकि 2021 में यह शहर 6वें नंबर पर था। उम्मीद है कि इन मशीनों के उपयोग से आगामी सर्वेक्षण में शहर की रैंकिंग बेहतर होगी।
हाईटेक मशीनों का भविष्य
शहर की सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए इन मशीनों का संचालन नगर निगम के सफाई कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे इन मशीनों का कुशलता से उपयोग कर सकें। अधिकारी ने बताया कि ये मशीनें हवा से उड़ने वाले कचरे को भी कुशलतापूर्वक साफ कर सकती हैं, जिससे शहर की स्वच्छता में व्यापक सुधार होगा।
नवीनतम तकनीक से बढ़ती स्वच्छता
नगर निगम के अनुसार, मेट्रो सिटी की तर्ज पर अब रायपुर में भी हाईटेक मशीनों से कचरा उठाने का काम किया जा रहा है। प्रत्येक गार्बेज पिकर मशीन की कीमत 48 लाख रुपये है और ये मुख्य बाजारों में जाकर सफाई कार्य को अंजाम दे रही हैं। इन मशीनों की मदद से राजधानी को साफ-सुथरा रखने के प्रयासों में तेजी आई है।