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रायपुर

नगर निगम में हो सकता है बड़ा उलटफेर! ढेबर समेत इन महापौरों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

Raipur News: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही नगर निगमों में कांग्रेसी महापौरों को हटाने के लिए रायपुर, राजनांदगांव और कोरबा में भाजपा पार्षद लामबंद हो गए हैं। इसके साथ ही अविश्वास लाने का भी ऐलान कर दिया है।

रायपुरDec 06, 2023 / 09:36 am

Khyati Parihar

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Chhattisgarh News: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही नगर निगमों में कांग्रेसी महापौरों को हटाने के लिए रायपुर, राजनांदगांव और कोरबा में भाजपा पार्षद लामबंद हो गए हैं। इसके साथ ही अविश्वास लाने का भी ऐलान कर दिया है। मंगलवार को राजधानी के निगम मुख्यालय में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के नेतृत्व में भाजपा दल ने बैठक कर महापौर एजाज ढेबर से इस्तीफा मांगा। साथ ही यह ऐलान भी किया कि पार्टी संगठन से विचार-विमर्श के बाद महापौर के खिलाफ अविश्वास लाएंगे, क्योंकि राजधानी की चारों विधानसभा क्षेत्र की जनता ने भाजपा को भारी मतों से जिताया है। महापौर जनता का विश्वास खो चुके हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद जिन निकायों में कांग्रेसी महापौर हैं, उनकी कुर्सी खतरे में पड़ती हुई नजर आ रही है। क्योंकि पार्षदों के समर्थन से बने महापौर को अल्पमत में लाने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अविश्वास प्रस्ताव पास कराना आसान नहीं

हालांकि भाजपा पार्षद दल को सफलता तभी मिल सकती है, जब कांग्रेसी पार्षदों में बड़ी फूट हो जाए। वरना किसी भी कांग्रेसी महापौर को हटाना मुश्किल होगा। रायपुर निगम में वर्तमान में कांग्रेस के 34, भाजपा 29 और 7 निर्दलीय पार्षद हैं, जिनमें से दो भाजपा खेमे में जा चुके हैं। ऐसे में महापौर ढेबर को हटाने के लिए भाजपा पार्षद दल को अविश्वास प्रस्ताव लाने में तो सफलता मिल जाएगी, क्योंकि इसके लिए केवल एक तिहाई पार्षदों के बहुमत की जरूरत है, जो भाजपा के पास है। परंतु निर्दलीय पार्षदों के अलावा कांग्रेस खेमे से 11 पार्षदों को तोड़ने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।
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रायपुर में 47 पार्षदों का समर्थन की चुनौती

नगरीय निकाय अधिनियम के अनुसार महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कोरम पूरा जरूरी है। इसके लिए जब एक तिहाई पार्षद लिखकर देंगे, तब प्रस्ताव कलेक्टर के द्वारा स्वीकृत होगा। इसके बाद निगम के सदन में कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष सत्र बुलाया जाएगा। जिसमें दो तिहाई बहुमत साबित करना होगा। यदि अविश्वास प्रस्ताव गिर गया तो फिर एक साल तक नहीं ला सकते। तब तक कार्यकाल ही पूरा हो जाएगा। ऐसी िस्थति में भाजपा पार्षद दल के सामने कांग्रेस के 11 पार्षदों को अपने पक्ष में लाने की चुनौती है।
महापौर की कार्यप्रणाली से शहर की जनता त्रस्त है। निगम के सभी 70 वाडोZं की जनता ने भाजपा को भारी मतों से जिताया है, जो प्रमाणित करता है कि महापौर ने विश्वास खो दिया है। इसलिए नैतिकता के आधार पर महापौर एजाज ढेबर से इस्तीफा मांगा है। पार्टी संगठन से चर्चा के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लेंगे। – मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
राजनांदगांव : बदल के रहिबो का नारा बुलंद, निर्दलीयों पर टिकी नजर

सत्ता परिवर्तन के बाद संस्कारधानी राजनांगांव के नगर निगम की राजनीति में बड़ा उलट फेर होने की संभावना है। विपक्षी दल भाजपा ने चुनाव आचार संहिता लगने के पहले ही कांग्रेसी महापौर हेमा देशमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आने के बाद भाजपा के पार्षद उत्साह में हैं और अब नई सहिबो बदल के रहिबो के नारे के साथ एक बार फिर महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले को सामने ला रहे हैं। 51 वार्ड वाले नगर निगम की सत्ता के चुनाव में 21 वार्डों पर भाजपा और 22 पर कांग्रेस एवं 8 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। अब स्थिति यह है कि 51 वार्डों वाले निगम में निर्दलियों के पहले दौर में समर्थन के आधार पर काग्रेस 31 व भाजपा 19 पर है।
कोरबा : आज पार्षद दल करेगा कलेक्टर से मुलाकात

कोरबा नगर निगम में महापौर राजकिशोर प्रसाद के खिलाफ भाजपा पार्षद दल अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। बुधवार को भाजपा पार्षद दल कलेक्टर से मुलाकात करेगा। अगस्त में 30 पार्षदों ने हस्ताक्षर कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन चुनाव की तैयारी के बीच सभा नहीं बुलाई गई थी। नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए सभा हो जानी थी, लेकिन सत्ता के प्रभाव के कारण इसमें जानबूझकर देरी की गई। सभा को जल्द बुलाने के लिए बुधवार को दल कलेक्टर से मुलाकात करेगा। कटघोरा नगर पालिका और छुरीकला नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव का मामला अटका हुआ है। इसपर भी एक साथ सभा बुलाई जा सकती है।

भाजपा पार्षदों के कहने पर इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है। अविश्वास प्रस्ताव लाकर देख लें। भाजपा के संपर्क में कोई पार्षद नहीं हैं, बल्कि मेरे ही संपर्क में भाजपा के कई पार्षद हैं, जहां तक विधानसभा चुनाव में करारी हार का सवाल है तो उसकी समीक्षा बूथ स्तर से लेकर शहर की गलियों तक की जाएगी। – एजाज ढेबर, रायपुर महापौर

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