पोला के पर्व पर कई जगहों पर बैल दौड़ की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें लोग बढ़ चढकऱ हिस्सा लेते हैं। कृषि प्रधान प्रदेश छत्तीसगढ़ में भाद्रप्रद कृष्ण पक्ष अमावस्या को पोला का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन पर विशेष तौर से भगवान शिव की सवारी बैलों की पूजा करने की परंपरा है।
पंडित दिलीप मिश्रा तथा पं रामनरायण मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष पोला अमावस्या 30 अगस्त शुक्रवार को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर्व को कुशोत्पाटनी अमावस्या भी कहा जाता है। क्योंकि इस पर्व में पुरोहित गण वर्षभर कर्मकांड आदि कार्य के लिए नदी घाटियों से कुशा नामक घास लाते हैं। जिसे साल भर पूजन इत्यादि कार्य में लगाते हैं।