कई रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि
ठग सोशल मीडिया पर मुफ्त शुगर जांच के नाम पर एसएमएस या पोस्ट डालते हैं। इसमें दावा किया जाता है कि रक्त शर्करा मापने के लिए एक ऐप उपलब्ध है, इसमें अपनी उंगली के निशान आपको देना है। जैसे ही लोग इस ऐप पर क्लिक करके उंगली का निशान डालते हैं, वैसे ही ठगों के पास उनका आधार कार्ड, बैंक खाते और अन्य संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने का रास्ता मिल जाता है। इस तरह से ठग उपयोगकर्ताओं को विश्वास दिलाने में सफल हो जाते हैं।
जालसाजी में फंसाने में कामयाब
ये ठग आमतौर पर फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर यह संदेश भेजते हैं, जहां लोग आसानी से बहक जाते हैं। ठगी इसलिए बढ़ रही है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी को आसानी से यकीन कर लेते हैं। साथ ही कई लोग हैल्थ ऐप और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नए-नए तरीकों की तलाश में रहते हैं, जिससे वे स्वास्थ्य के मामले में ज्यादा जागरूक हो सकें। इसी का फायदा उठाते हुए ठग लोगों को अपनी जालसाजी में फंसाने में कामयाब हो जाते हैं। क्या करें और क्या न करें
विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी प्रकार की उंगली का निशान या बायोमेट्रिक डेटा किसी भी अपरिचित ऐप पर न डालें। इसके अलावा अगर आपको किसी ऐप या सोशल मीडिया पोस्ट पर ’’मुफ्त स्वास्थ्य जांच’’ का ऑफर मिले, तो उसे नजरअंदाज करें। अगर आपने गलती से अपनी उंगली का निशान किसी संदिग्ध ऐप पर डाल दिया है तो तुरंत अपने बैंक खातों की जानकारी बदलें और अपने आधार कार्ड को लॉक कर दें। साइबर पुलिस को मामले की रिपोर्ट करें।
सोशल मीडिया पर हो रही इस तरह की ठगी को रोकने के लिए साइबर जागरुकता बेहद जरूरी है। लोग किसी भी संदिग्ध ऐप या लिंक पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी, खासकर बायोमेट्रिक डेटा साझा न करें। ऐसे मामलों की तुरंत साइबर सेल में रिपोर्ट करें, ताकि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। – संतोष कुमार सिंह, एसएसपी,
रायपुर