Big Breaking : आचार्य विद्यासागर ने ली समाधि, 3 दिन उपवास के बाद त्यागा देह, दोपहर 1 बजे होगा अंतिम संस्कार
“इंडिया नहीं भारत कहिए” का राष्ट्रघोष करने वाले राष्ट्रसंत, राष्ट्रवाद के प्रखर प्रणेता परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना सम्यक भाव से धारण कर ली थी एवं पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग करते हुए तीन दिवस के उपवास गृहण करते हुए आहार एवं संघ का प्रत्याख्यान कर दिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था। 6 फरवरी मंगलवार को दोपहर शौच से लौटने के उपरांत साथ के मुनिराजों को अलग भेज कर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ली और आचार्य पद का त्याग करते हुए प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज को आचार्य पद सौंपने की घोषणा कर दी।