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रायपुर

NGDRS System: रजिस्ट्री प्रक्रिया के नए सिस्टम में कई अड़चनें, शिकायत के बाद भी सुधार नहीं, लोग हो रहे परेशान

NGDRS System: रायपुर में रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) लागू किया गया है, लेकिन इसमें कई खामियां हैं।

रायपुरDec 03, 2024 / 12:10 pm

Shradha Jaiswal

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NGDRS System: छत्तीसगढ़ के रायपुर में रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (National Generic Document Registration System) (एनजीडीआरएस) लागू किया गया है, लेकिन इसमें कई खामियां हैं। इससे आम लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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NGDRS System: एनजीडीआरएस सिस्टम में कई खामियां

दूसरी ओर रजिस्ट्री कार्य से जुड़े दस्तावेज लेखक, वकील और अन्य लोग भी कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद इन खामियों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी जमीन विक्रेता और खरीदारों को हो रही है।
भूमि-संपत्ति का तबादलानामा- किसी एक व्यक्ति की संपत्ति रायपुर में और दूसरे की मंदिरहसौद या आरंग क्षेत्र में है। दोनों के पंजीयन उप पंजीयक क्षेत्र अलग-अलग है, तो अगर दोनों अपनी-अपनी भूमि का तबादला करते हैं, तो उसका पंजीयन कहां होगा? यह स्पष्ट नहीं है।

भूमि-संपत्ति का बंटवारानामा

एक परिवार की जमीन अलग-अलग क्षेत्र में और अलग-अलग उप पंजीयक क्षेत्र में आता है, तो उन जमीनों का बंटवारानामा पंजीयन कहां होगा? यह भी स्पष्ट नहीं है। इसी तरह संयुक्त हिंदू परिवार की दो जिला में स्थित भूमि को लेकर भी स्पष्ट नहीं है। इसी तरह मुतयारनामा आम, दान विलेख, वसीयतनामा को लेकर भी एनजीडीआरएस सिस्टम में व्यवस्था होने से लोग परेशान हैं।

तहसील पंजीयन शुल्क में बढ़ोतरी

जिला मुख्यालय के अन्य तहसीलों की भूमि-संपत्ति का पंजीयन पहले 1100 रुपए में होता था, उसे बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है। इससे भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार्य विभाजन होने के बाद एक बड़ी परेशानी लोगों को हो रही है।
जहां की संपत्ति है, वहीं के उप पंजीयक के पास पंजीयन होगा। भले उसके यहां का स्लॉट पूरा हो गया हो। इस दौरान यदि दूसरे उप पंजीयक के यहां स्लॉट कम रहते हैं, तो भी वे दूसरे क्षेत्र की जमीन का पंजीयन नहीं करते हैँ। घर बैठे पंजीयन की सुविधा 25 हजार में की जा रही है, जबकि यह 1 हजार रुपए है। इससे अस्पताल में भर्ती या बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी है।

शिकायत के बाद भी सुधार नहीं

इन खामियों और अन्य समस्याओं को लेकर पिछले दिनों रजिस्ट्री कार्य से जुड़े वकीलों और अन्य लोगों ने कलेक्टर से लेकर पंजीयन महीनिरीक्षक और जिला पंजीयक से भी शिकायत की है। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है।
सुगम ऐप में खाली प्लाट के साथ फोटो अपलोड हो जाता है, लेकिन बहुमंजिला आवासीय, व्यवसायिक परिसर, आबादी भूमि, जहां पटवारी रिकार्ड में नामांरण की कार्रवाई नहीं होती, उसमें भी उप पंजीयक अपनी मनमानी करते हैं। और फोटो अपलोड करने के लिए दबाव बनाते हैं। सुगम ऐप की सुविधा केवल एंड्राएड मोबाइल वालों के पास है। कई किसान और गरीब लोगों के पास ऐसा मोबाइल नहीं है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है।
रायपुर के जिला पंजीयक विनेश कोचे के कहा की उप पंजीयकों के मध्य कार्य विभाजन किया गया है, जिसमें कुछ विलेखों के अपॉइंटमेंट लेने में तकनीकी समस्याएं आई हैं। इसे दूर करने के लिए महानिरीक्षक पंजीयन को जानकारी दी गई है। ये समस्याएं जल्द ही दूर कर ली जाएगी।

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