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दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता के नाम से जारी प्रेस नोट में तीनों शर्तों का जिक्र है, जिसमें सबसे पहले नक्सलियों ने संगठन पर प्रतिबंध हटाने की मांग की है। नक्सलियों ने दूसरे शर्त के तहत जेलों में बंद नक्सलियों को रिहा करने की मांग की गई है। प्रेस नोट में नक्सलियों ने सशस्त्र बलों को हटाने की तीसरी शर्त रखी है।यह भी पढ़ें: दोगुनी रफ्तार से पैर पसार रहा कोरोना, सख्ती नहीं बरती तो भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या बहुत पुरानी है। छत्तीसगढ़ में सरकार बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस की हो। लाल आतंक को खत्म करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है। इसके बाद भी प्रदेश में नक्सल समस्या बरकरार है। बहरहाल अब देखना होगा कि नक्सलियों के शांति वार्ता प्रस्ताव के बाद प्रदेश सरकार किस तरह का कदम उठाती है।