उन्होंने घोटुलबेड़ा और चेहरीपारा के पास भी ढेर सारे पर्चे फेंके हैं जिसमें रमन्ना के सपने को पूरा करने, CAA का विरोध और गणतंत्र दिवस समारोह का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। उन्होंने पहले भी पर्चे फेंक कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार करने की बात कही थी।
कौन है रमन्ना ?
रमन्ना पर तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में करीब एक करोड़ चालीस लाख रुपये का इनाम था। अकेले बस्तर में उनके ऊपर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह देश का सबसे बड़ा इनामी नक्सली था। रमन्ना के ऊपर कई बड़ी वारदातों के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को मौत के घाट उतारने का आरोप है। ताड़मेटला, सुकमा सहित कई बड़ी वारदातों का मास्टर माइंड रमन्ना उर्फ श्रीनिवास था। सुकमा में नक्सली हमले में 25 जवान और ताड़मेटला कांड में 76 जवान शहीद हुए थे।
ये भी पढ़ें: हाजीपुर और वैशाली की ख़ाक छानने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा उद्योगपति के अपहरणकर्ताओं का सरगना पप्पू चौधरी
माओवादी नेता की मौत लम्बी बीमारी के कारण तेलंगाना सीमा से लगे व छग के सुकमा-बीजापुर के सीमाई इलाके के ग्राम पालेगुड़ा में 10 दिसम्बर 2019 को हो गया था । दो दिनों के बाद समीपस्थ ग्राम बोत्तेलंका में इस नक्सली नेता का अंतिम संस्कार किया उसकी अर्थी को पुरुष और महिला नक्सलियों ने मिल कर कांधा दिया था ।