CG Monsoon Session: प्रदेश में दिसंबर में होने वाले निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों का चुनाव डायरेक्ट हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि शासन के निर्देश पर इस संबंध में मंत्रालय के विधि विभाग में ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। संभवत : मानसून सत्र में इस संबंध में संशोधन विधेयक लाया जा सकता है। या फिर कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के बाद अगली बार शीत सत्र में संशोधन विधेयक रखा जा सकता है। बता दें कि निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों के चुनाव प्रकिया अप्रत्यक्ष होगा या प्रत्यक्ष इस पर सियासी गलियारे में लगातार चर्चा हाे रही है। भाजपा सरकार और संगठन में भी वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा होती रही।
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कांग्रेस सरकार ने बदला था नियम
कांग्रेस सरकार ने निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों के डायरेक्ट चुनाव को बदलकर अप्रत्यक्ष कर दिया था। इससे प्रदेशभर के मतदाता अपनी पसंद के महापौर और अध्यक्षों के चुनाव करने से वंचित रह गए थे। मतदाताओं द्वारा चुने गए पार्षद ही महापौर और अध्यक्षों का चुनाव कर रहे थे। इससे कांग्रेस सरकार में सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं में कांग्रेस के ही महापौर और अध्यक्ष काबिज हुए थे।मतदाता चुन सकेंगे अपनी पसंद के महापौर और अध्यक्ष
निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्षों के चुनाव होने पर मतदाता अपनी पसंद के प्रत्याशी को चुन सकेंगे। इससे निकायों में बहुमत में रहने वाले राजनीतिक पार्टी के पार्षद और निर्दलीय पार्षदों को तोड़फोड़ की नौबत भी नहीं आएगी। साथ ही निकायों के कार्यों में महापौर और अध्यक्ष अपनी मनमानी भी नहीं कर सकेंगे। निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कराएं इस पर फिलहाल विचार चल रहा है। विधि विभाग से राय मांगी गई है। शीघ्र इस पर निर्णय लिया जाएगा।