घोटाले का सच: नान के खेल में मोहले, शुक्ला व टुटेजा
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले की आंच मंत्री और अफसरों तक पहुंच रही है।
राजकुमार सोनी रायपुर. नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले की आंच मंत्री और अफसरों तक पहुंच रही है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के छापे में 1.63 करोड़ रुपए की बरामदगी के बाद निलम्बित हुए नान प्रबंधक शिवशंकर भट्ट ने ‘पत्रिका’ के स्टिंग ऑपरेशन में स्वीकार किया कि घोटाले में अभी जो नाम सामने आए हैं, ये बहुत छोटे हैं। इसमें चेयरमैन के रूप में प्रमुख सचिव और एमडी से लेकर खाद्य मंत्री तक एक लंबी फेहरिस्त है।
भट्ट ने खुलासा किया कि इस घोटाले में बकायदा एक पूरी चैन काम रही थी। इसमें सबके अपने हिस्से थे। चेयरमैन आलोक शुक्ला को दिल्ली में घर लेना था, इसलिए इस बार बढ़ाकर एक करोड़ रुपए मांगे गए। मंत्री और एमडी के यहां 20-20 लाख गए। पूरा पैसा बांटने के लिए कोडवर्ड इस्तेमाल होता था। इनका उपयोग पैसा पहुंचाने वाले के संक्षिप्त नाम में इस्तेमाल किया जाता था। पैसे पहुंचाने में मंत्री अफसरों के स्टाफ के अलावा ड्रायवरों तक का इस्तेमाल किया जाता था। भट्ट ने कहा आज अगर मैंने यह सब राजेश मूणत और बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर जैसे मंत्रियों के लिए किया होता तो वे दो कदम आगे बढ़कर मदद करते।
मंत्री को पैसे पहुंचाने के लिए कोड था पीएलएम
भट्ट के मुताबिक, सारा काम कोडवर्ड में था। मंत्री के लिए पीएलएम इस्तेमाल होता था। जब्त डायरी में भी यही नाम है, जिसे भट्ट ने जांच में बता दिया है। यह डायरी एमडी के निजी सचिव गिरीश शर्मा से बरामद हुई।
शवशंकर भट्ट ने क्या कहा, इस बारे में वे ही जानें। हमारा काम है विवेचना करना। विवेचना में किसको शामिल किया जा रहा है और किसको नहीं यह गोपनीय है। जब चार्जशीट सामने आएगी, तब सब साफ हो जाएगा। केवल कुछ कर्मचारियों को शामिल करने के आरोपों पर अभी कुछ कहने की जरूरत नहीं लगती।
मुकेश गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एसीबी-ईओडब्ल्यू
स्टिंग में कहा: मंत्री, चेयरमैन और एमडी हैं क्रिएटर
-जब आप सब लोगों का एक चैनल था तो फिर अचानक छापा…
बड़े पैसे जाने थे, उन लोगों को इसलिए पैसा इकट्ठा किया गया था। चेयरमैन आलोक शुक्ला को जाना था। एमडी को जाना था और मंत्री को भी जाना था।
-तो आलोक शुक्ला को हर महीने जाता था?
हुम्म..। मैंने भी दो-तीन बार पहुंचाया है।
-इस बार कितना जाना था?
इस बार उनको एक करोड़ जाना था। दिल्ली में मकान खरीदा है, उन्होंने एक करोड़ जाता? तो इसलिए इकट्ठा किया गया था।
आलोक शुक्ला की सफाई
पूरे मामले में इन्वेस्टीगेशन चल रही है। इसलिए मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी। जो होगा वह जांच में साफ हो जाएगा।
( घोटाले के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति प्रमुख सचिव पद से हटना पड़ा )
-आपने पहले बताया था कि पुन्नूलाल मोहले के स्टाफ का आदमी हर महीने बढ़ा देता था। क्या लोग इतने भ्रष्ट हंै?
उससे भी ज्यादा हैं। कई विभाग हैं। सभी विभागों में यही चल रहा है। फूड वाले अलग लगे रहते हैं। वो क्या है। ये लोग तो और बड़े-बड़े हैं, बृजमोहन और मूणतजी। ये तो फिर भी कम है।
-तो आपने बयान में क्या दिया?
मैंने बताया कि यह एक रुटीन है। नीचे से ऊपर तक जो भी आता है, वह बंटता है। एक सिस्टम है, जिसके तहत काम कर रहे हैं।
-किसी का नाम लिखवाया है?
बता दिया है, जिनका-जिनका बताना था। दो तो हैं ही चेयरमैन और एमडी। मंत्री का भी नाम लिखवाया है। तीनों का नाम लिखवाया है। अब एसीबी जाने।
मोहले की सफाई
मैंने अपने और विभाग के स्टाफ को कभी नहीं कहा कि हमारे लिए वसूली करो और हमें पैसा पहुंचाओ। शिवशंकर भट्ट जो कह रहे हैं उसमें कोई सच्चाई नहीं है।
( पुन्नूलाल मोहले, खाद्य मंत्री)
-एमडी अनिल टुटेजा के निज सचिव गिरीश शर्मा के पास से कितनी रकम जब्त हुई थी?
कैबिन से 20 लाख की जब्ती हुई थी
-उन्होंने क्या बयान दिया है? कुछ मालूम है क्या?
उसने भी यही बताया है कि जो 20 लाख था, उसमें से 10 लाख चेयरमैन को देना था और 10 लाख एमडी (अनिल टुटेजा) को।
इनकी नहीं मिली सफाई
नान के एमडी रहे अनिल टुटेजा से उनका पक्ष जानने के लिए लगातार फोन किया गया। उन्हें मोबाइल फोन पर एसएमएस भी भेजा गया। उनकी ओर से किसी तरह कोई उत्तर नहीं दिया गया।
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