डॉ. डहरिया ने कहा कि राज्य सरकार मर्यादा पुरूषोत्तम श्री रामचंद्र के पद चिन्हों पर चलकर ही जनहित में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री रामचंद्र जी ने अपने वनवास काल का बहुत समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किए हैं। उन संबंधित स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने की योजना है। प्रथम चरण में 09 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अम्बिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल हैं। प्रस्तावित 09 स्थलों को लेते हुए पर्यटन विभाग द्वारा एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, जिसकी लागत 137.45 करोड़ रूपए है।
मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है। यहां कण-कण में भगवान राम रचे-बसे हुए हैं। चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या का मंदिर दुनिया में एकमात्र मंदिर है, इस मंदिर का भव्य निर्माण होने से निश्चित ही राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा, जनपद सदस्य दिनेश ठाकुर, नेहा वर्मा, रानी ढीवर सहित समाज सेवी आनंद गिलहरे, राजेन्द्र महेश्वरी तथा आसपास के पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।