sawan 2022: महंत घासीदास म्यूजियम में शिवजी की कई प्राचीन कलात्मक मूर्तियां एग्जीबिट हैं। घर बैठे भी डिजिटल गैजेट्स पर सभी मूर्तियों का वर्चुअल टूर किया जा सकता है.
रायपुर•Jul 16, 2022 / 10:40 pm•
CG Desk
रायपुर. अगर सावन महीने के पावन अवसर पर आप लंबा सफर तय कर भोलेनाथ के कई अवतारों के दर्शन नहीं कर सकते हैं, तो हम आपको बताते हैं ऐसी जगह के बारे में जहां एक ही छत के नीचे आपको शिव के कई रूप देखने को मिलेंगे। दरअसल, घड़ी चौक स्थित महंत घासीदास म्यूजियम में शिवजी की कई प्राचीन कलात्मक मूर्तियां एग्जीबिट की गई हैं। इन मूर्तियों में न सिर्फ प्राचीन काल भारत बल्कि छत्तीसगढ़ी की संस्कृति की भी झलक देखने को मिलती है। आप सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच म्यूजियम विजिट करके निःशुल्क रूप से इन मूर्तियों को देख सकते हैं।
घर बैठे करें वर्चुअल टूर
बता दें, घर बैठे भी डिजिटल गैजेट्स पर सभी मूर्तियों का वर्चुअल टूर किया जा सकता है। वेबसाइट ऐसे सेटअप की गई है कि दर्शकों को लगता है मानो म्यूजियम में ही खड़े होकर मूर्तियों को देख रहे हों। हर मूर्ति के नीचे उसका समयकाल और स्थान लिखा हुआ है। इतना ही नहीं, टूर के दौरान गाइड करने के लिए वेबसाइट पर ऑडियो भी उपलब्ध है। अगर आप भी यह टूर करना चाहते हैं तो सीजी कल्चर की आधिकारिक वेबसाइट https://cgculture.in/virtualtour/ पर जाएं।
इन खास मूर्तियों को करें विजिट
• शिव विवाह का दृश्य – संग्रहालय में एग्जीबिट 9वीं से 10वीं सदी के बीच की यह मूर्ति शिव-पार्वती विवाह का दृश्य प्रदर्शित कर रही है। उमा-महेश्वर इस प्रतिमा में हाथ पकड़े पानी ग्रहण करते नजर आ रहे हैं। म्यूजियम में शिव पार्वती की ऐसी कई और छोटी-बड़ी प्रतिमाएं प्रदर्शित हैं।
• रूद्रशिव की अनोखी प्रतिमा – रूद्रशिव की मूर्ति छत्तीसगढ़ में खोजी गड सबसे पुरानी शिव प्रतिमा है। यह प्रतिमा 5 वीं 6 वीं सदी के बीच की बताई जात है। इसने अपनी अनूठी विशेषताओं और संरचना के साथ पुरातत्वविदों को भी हैरान किया है। म्यूजियम में इस मूर्ति का रेप्लिका देखने को मिलती है जबकि वास्तविक तौर पर इस भव्य प्रतिमा के दर्शन देवरानी मंदिर में किए जा सकते हैं। शिव की लगभग चार ऐसी एकल प्रतिमाएं म्यूजियम में देखने को मिलती हैं।
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