पुलिस के मुताबिक सदरबाजार निवासी रामगोपाल व्यास को गोपाल मंदिर के पास एक युवक मिला। उसने घुटनों के दर्द का शर्तिया इलाज करने का दावा करते हुए डॉक्टर सलाउद्दीन के बारे में बताया। युवक ने उसका मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि डॉक्टर घर में ही आकर इलाज कर देते हैं। रामगोपाल ने डॉक्टर सलाउद्दीन का नंबर लिया और उन्हें कॉल किया। बुजुर्ग ने अपने घुटनों के दर्द की जानकारी दी। इसके अगले दिन 26 दिसंबर को सलाउद्दीन उनके घर पहुंचा। उसने बताया कि वह आयुर्वेदिक डॉक्टर है। इसी पद्धति से इलाज करता है। घुटनों में गंदा खून जमा हो गया है। इसे बाहर निकालना पड़ेगा। एक बार गंदा खून बाहर निकालने के एवज में 5 हजार रुपए लगेगा। रामगोपाल राजी हो गए। इसके बाद सलाउद्दीन ने एक पाइप उनके घुटनों में लगाया।
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Crime News : पाइप से खून जैसा पदार्थ बाहर निकलने लगा। इससे बुजुर्ग को काफी राहत मिली। ऐसा करते हुए सलाउद्दीन ने दो दिन तक कई बार पाइप से तरल पदार्थ बाहर निकाला। कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां भी दीं। इसके एवज में कुल 1 लाख 74 हजार 400 रुपए लेकर चला गया। कुछ देर तक घुटनों में दर्द नहीं हुआ, लेकिन अगले दिन से फिर दर्द शुरू हो गया। दवाइयों की जांच कराई गई, तो वह भी उपयोग के लायक नहीं निकली। इसकी शिकायत उन्होंने कोतवाली थाने में की। पुलिस ने सलाउद्दीन के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
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महाराष्ट्र गिरोह करता है ऐसी वारदात घुटनों के दर्द का शर्तिया इलाज के नाम पर बुजुर्गों को ठगने के मामले पहले भी रायपुर में सामने आ चुके हैं। इस तरह की ठगी अक्सर महाराष्ट्र का गिरोह करता है। गिरोह में दो लोग होते हैं। एक मंदिर, सार्वजनिक स्थान, मेडिकल दुकान के आसपास ऐसे बुजुर्गों की तलाश करता है, जिनके घुटनों या पैर में लंबे समय से दर्द हो रहा हो। इसके बाद उन्हें फर्जी डॉक्टर का नंबर देता है। इन मामलों में उसी गिरोह के हाथ होने की आशंका है। पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में लगी है।