त्रिपाठी जहां कहते मैं हस्ताक्षर कर देता
कवासी लखमा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें और पुत्र सहित अन्य को ईडी कार्यालय तलब किया गया है। साथ ही कहा कि वह अनपढ़ आदमी हैं, आबकारी अधिकारी ए.पी. त्रिपाठी और उनके ओएसडी ने जिस कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए बोलते थे वह उसमें हस्ताक्षर कर देते थे। लखमा के अनुसार घोटाले का मास्टर माइंड ए.पी. त्रिपाठी है। इसमें कितने करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें एक रुपए नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि उनका और पुत्र हरीश का मोबाइल ईडी के अफसर अपने साथ ले गए हैं। सुबह 7 बजे शनिवार को छापे की कार्रवाई करने के लिए
ईडी की टीम पहुंची थी। उन्होंने अन्य करीबी लोगों के यहां छापे की कार्रवाई के बारे में लखमा ने कहा कि तलाशी में क्या मिला इसकी जानकारी नहीं है।
ईडी को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली
लखमा के अनुसार उनके यहां छापे की कार्रवाई में ईडी को एक फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है। लखमा के अनुसार ईडी के अफसरों ने उनके पूरे घर तथा गाड़ियों की सभी जगह की जांच की। तलाशी के दौरान हमने पूरा घर ईडी के अफसरों को सौंप दिया था। ईडी ने उनके और परिवार की संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी। लखमा के अनुसार उनके बाप-दादा के समय की चार एकड़ जमीन है। लखमा ने मंत्री बनने के बाद किसी तरह से जमीन नहीं खरीदने की बात कही।
ट्रांजेक्शन की जानकारी जुटा रही है ईडी
वहीं ईडी ने छापेमारी के बाद प्रॉपर्टी, बैंक में जमा रकम और निवेश के संबंध में रजिस्ट्री कार्यालय एवं बैंकों से ट्रांजेक्शन की जानकारी जुटा रही है। इसके जल्दी ही संबंधित विभागों को पत्र लिखकर ब्यौरा लिया जाएगा। बता दें कि ईडी ने शराब घोटाले की जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर रायपुर, सुकमा और धमतरी स्थित 7 ठिकानों में छापा मारा था। इस दौरान तलाशी में बरामद किए गए दस्तावेजों, इलेक्ट्रानिक डिवाइस और अन्य एविडेंस जब्त करना की जानकारी मिली है।
ओएसडी को हिरासत में लेने की चर्चा
शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के एक ओएसडी के यहां भी छापे की कार्रवाई की गई थी। तलाशी के बाद पूछताछ के लिए ईडी के अफसर उन्हें अपने साथ कार्यालय ले गए थे। इस दौरान हिरासत में लेने की चर्चा के साथ ही गिरफ्तारी की आशंका भी जताई जा रही थी। लेकिन, पूछताछ करने के बाद देररात छोड़ दिया गया।