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जू कीपरो को रूकवाया सफारी में
वर्तमान में जंगल सफारी में लगभग 73 संविदाकर्मी काम कर रहे है। सफारी के कीपर भी इन्हीं कर्मियों में से चयनित किए गए है। संक्रमण काल में सफारी परिसर पर्यटकों के लिए बंद है। वन्य प्राणियों की देख रेख करने वाले जू कीपरों को सफारी परिसर में ही रूकवाने का इंतजाम किया गया है। जू कीपर शिफ्ट वाइस ड्यूटी कर रहे हैं।
कैमरों से मॉनीटरिंग
कोरोना काल में वन्य प्राणियों के मूवमेंट पर विशेष नजर सफारी प्रबंधन के जिम्मेदार रख रहे हैं। सफारी के अधिकारियों ने वन्य प्राणियों के परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस करवा दिया है और कंट्रोल रूम में बैठकर उसे देखते है। सफारी डायरेक्टर के मोबाइल में भी ऑनलाइन वन्य प्राणियों के मूवमेंट देखने की सुविधा है। वन्य प्राणियों के मूवमेंट की रोजाना रिपोर्ट विशेषज्ञों के देख रेख में जमा होती है और उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हर दिन की आड़ में दवा का छिड़काव, डाइट भी बदली
सफारी प्रबंधन के अधिकारियों ने कोरोना के मद्देनजर वन्य प्राणियों के परिसर के बाहर और सफारी परिसर में दवा का छिड़काव करने का निर्देश अधीनस्थ कर्मियों को दिया है। बाड़ा और सफारी परिसर में हर दूसरे दिन की आड़ में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। हर बाड़े के बाहर पोटेशियम का घोल रखा गया है।
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बाडे में आने-जाने वाले हर शख्स को उस घोल के उपर से गुजरना होता है। प्रबंधन के हर प्रोटोकॉल का पालन डायरेक्टर से लेकर कर्मियों तक को करना है। गर्मी के मद्देनजर वन्य प्राणियों की डाइट में बदलाव भी विशेषज्ञों ने किया है। पिछले वर्ष शेर व शावक की मौत के बाद सफारी प्रबंधन के जिम्मेदार वन्य प्राणियों की देख रेख में ज्यादा सतर्कता बरत रहे है।