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जिस पोलियों की बिमारी के कारण उसने अपने मां बाप ने उसे दुत्कार दिया था। उसी के कारण उस बच्चे को कोई भी गोद लेने को तैयार नहीं था लेकिन इटली के मिलानो शहर के रहने वाले दंपत्ति ने बिना किसी झिझक के उसे अपनाने की स्वीकृति दी।
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जिसके बाद उसे गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की गयी। इसीदौरान बच्चे के पोलियों का इलाज भी चलता रहा और जब गोद लेने का समय आया तबतक बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो चूका था।
इटली के दंपत्ति निग्रिश बेलेटिना और उनके पति मोरो एलियन ने भारत आकर बच्चे के गोद लेने की रस्म अदा की। वहीं संस्था के सदस्यों ने भी गोद लेने की सभी रस्म पूरी की। इस दौरान विदेशी दंपत्ति का स्वागत किया गया, विदेशी महिला भी भारतीय वेशभूषा पहने हुई थी।
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गौरतलब है कि एडोप्शन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है जो केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास के वेवसाईट पर रहती है, सबसे पहले भारतीय को प्राथमिकता दी जाती है, अंतरराष्ट्रीय वेबसाईट पर एक तरफ अनाथ बच्चों की सूची होती है तो दूसरी तरफ निसंतान दंपत्ति की सूची होती है, पंजीयन के साथ पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही बच्चा गोद दिया जाता है।