यह कार्रवाई रायपुर, सरगुजा, सीतापुर और रायगढ़ जिले में हुई थी। इस दौरान तलाशी में 13 करोड़ की अवैध कमाई रियल एस्टेट कारोबार में निवेश करने की जानकारी मिली। वहीं इस दौरान तलाशी में 2.5 करोड़ करोड़ कैश और ज्वेलरी, अघोषित संपत्ति के दस्तावेज के साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, अघोषित बैलेंस शीट और डिजिटल सबूत बरामद हुए थे। इन सभी को जांच के लिए जब्त किया गया है।
अवैध कारोबार सीबीडीटी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि जब्त सबूत भ्रष्टाचार और दूसरे संदिग्ध कारनामों को उजागर करते हैं। शुरूआती जांच में पता इसमें लिप्त लोगों ने सरकार से जुड़े कामों में अलग-अलग व्यक्तियों को अनुचित लाभ देने के बदले में अवैध धन हासिल किया है। तलाशी में बरामद आपत्तिजनक दस्तावेजों में करीबी सहयोगियों के जरिए पूर्व खाद्य मंत्री की 13 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का जिक्र है। जब्त किए गए साक्ष्य में गलत तरीके से अर्जित करने के बाद अपने सहयोगियों के जरिए रियल एस्टेट में निवेश किया गया है।
सहयोगियों के 8 करोड़ रियल स्टेट में आयकर विभाग को अचल संपत्ति की खरीद में नकद में भुगतान का प्रमाण मिला है। 3 करोड़ रुपए से ज्यादा के बेहिसाब नकद व्यय के साक्ष्य मिले हैं। वहीं रियल एस्टेट कारोबार में सहयोगियों से कमाए गए 8 करोड़ रुपए भी मिले है। यह जानकारी पूर्व खाद्य मंत्री के करीबी सहयोगियों और उनके कर्मचारियों के बयानों से भी मिली है।
जमीन कब्जा करने और पुनर्वास जमीन खरीदी में पद का दुरुपयोग सीबीडीटी ने बताया है कि आयकर विभाग को तलाशी के दौरान पूर्व मंत्री के करीबी सहयोगियों द्वारा अवैध रूप से जमीन हड़पने से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले है। जिसे किसानों और प्रभावित व्यक्तियों की भूमि हस्तांतरित की गई है। उन्होंने भी अपने बयान में माना है कि भूमि लेन-देन पूर्व मंत्री के पद और प्रभाव से किया था। उनके सहयोगियों ने पुनर्वास पट्टा की खरीद की अनुमति पाने के लिए भी किया गया।
पत्नी की पाइप कंपनी में गड़बड़ी ह्यूम पाइप्स कंपनी चला रही पूर्व मंत्री की पत्नी के स्वामित्व वाले फैक्ट्री परिसर से बैंक क्रेडिट के मुकाबले टर्नओवर में गड़बड़ी मिली है। तलाशी अभियान के दौरान घोषित संपत्ति से अधिक की बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं। इसकी आयकर विभाग द्वारा जांच की जा रही है।
कलेक्टर से मांगा 13 संपत्तियों का ब्यौरा आयकर विभाग ने अंबिकापुर कलेक्टर को पत्र लिखकर 13 लोगों की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है। इसमें पिछले 5 साल में जमीन के खरीद-फरोख्त की जानकारी मांगी है। साथ ही रियल एस्टेट कारोबार में निवेश, दूसरी प्रॉपर्टी के साथ जमीन आवंटन और दूसरे बेनिफिट की जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि आयकर विभाग ने इन सभी के ठिकानों पर छापा मारा था।