ठेकेदार फर्म द्वारा अधिकांश लेन-देन कैश में करने के इनपुट मिले हैं। इसका रिकॉर्ड भी मेंटेन नहीं किया गया है। स्टॉक रजिस्टर में केवल खर्च और सामान खरीदी की एंट्री की गई है। जबकि बेहिसाब आय और विभिन्न निर्माण कार्य के बाद भुगतान का ब्यौरा तक नहीं रखा गया है। इसके दस्तावेजों को जब्त कर हिसाब किया जा रहा है। इसके आधार पर टैक्स चोरी का मूल्यांकन किया जाएगा।
बता दें कि आयकर विभाग ओडिशा और
छ्त्तीसगढ़ की संयुक्त टीम ने रेलवे ठेकेदार के रायपुर और रायगढ़ स्थित 5 ठिकानों में 17 जनवरी को छापा मारा। इस समय सभी ठिकानों में जांच चल रही है। इसके रविवार को पूरा होने की संभावना आईटी के अधिकारियों ने जताई है।
प्रॉपर्टी की जांच
मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले ठेकेदार और उसके भाई द्वारा
रायपुर में आलीशान बंगला, दतर, महंगी कार और लक्जरी सामानों की खरीदी गई है। उक्त सभी को जांच के दायरे में लिया गया है। वहीं रायगढ़ स्थित आवास और दतर में ज्यादा गड़बडी़ मिली है। इसे देखते हुए ओडिशा से अतिरिक्त टीम को बुलवाया गया है। ओडिशा बेस्ड कार्रवाई होने के कारण तलाशी में मिली गड़बड़ी का खुलासा नहीं किया गया है। जांच के साथ ही दस्तावेजों को जब्त कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।