Chhattisgarh Rajyotsav 2022: छत्तीसगढ़ ने मंगलवार यानि 1 नवम्बर को 23 वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर हर साल छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव भी शामिल है। यूरोप के सर्बिया और एशिया से मालदीव और इंडोनेशिया के नृतक दल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने के लिए राजधानी पहुंचे। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 1 नवंबर से 3 नवंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य एवं राज्य उत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमे देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ 9 विदेशी टीम भी शिरकत कर रही है।
गेड़ी नृत्य से सभा में बंधा समां
छत्तीसगढ़ की स्थापना के बाद आई पीढ़ी ने अब तक केवल यहां का ही गेड़ी नृत्य देखा होगा। लेकिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के मौके पर इस पीढ़ी को मध्यप्रदेश के लोकनर्तकों द्वारा किया गया। गेड़ी नृत्य भी देखने का सुअवसर मिला। इस गेड़ी नृत्य के मामले में खास बात यह है कि इसमें हमारे पंथी नृत्य की तरह ही पिरामिड बनाते हैं। लोक नर्तकों द्वारा पारंपरिक वाद्ययंत्रों से जब शैला गेड़ी नृत्य का आगाज किया गया तो पूरी सभा में समां बंध गया।
जब लोक कलाकार पिरामिड के रूप में उठे तो जनसमूह झूम उठा। इसमें महिला नर्तकों के सिर में एक के बाद एक घड़े थे और उनके ऊपर दीपक। इस नृत्य के लिए जो संतुलन चाहिए था वो अद्भुत संतुलन इन लोक कलाकारों में नजर आ रहा था। बड़ी सहजता से एक के बाद एक लोककलाकार पिरामिड बनाते गये और देखने वाले झूम गये। साथ ही इनकी पोशाक भी खास चटखीले रंगों वाली रही जो पूरे नृत्य का आकर्षण थी। इसके साथ ही इन लोककलाकारों ने धुरवा नृत्य भी किया। लोक संगीत और नृत्य स्थानीय वाद्ययंत्रों के साथ जब प्रदर्शित किये गये तो अद्भुत दृश्य उपस्थित हुआ और लोगों ने इसे काफी सराहा।
कई देशों से पहुंचे कलाकार
बता दें कि यूरोप के सर्बिया और एशिया से मालदीव और इंडोनेशिया के नृतक दल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने राजधानी रायपुर पहुंचे हैं। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा माना विमानतल पर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। नृतक दलों में गजब का उत्साह देखने को मिला और इस उत्साह के साथ ही उन्होंने अपने अपने अपने देश की संस्कृति की झलक एयरपोर्ट पर नृत्य करके भी प्रदर्शित की।
नर्तक दलों छत्तीसगढ़ को धन्यवाद
नर्तक दलों ने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल से उन्हें सांस्कृतिक अदान प्रदान में शामिल होने का अच्छा अवसर मिल रहा है तथा छत्तीसगढ़ की संस्कृति के साथ साथ विभिन्न देश की संस्कृति से नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल के जरिए अवगत हो पाएंगे।
इसके पश्चात उन्होंने छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा का उदघोष किया।