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आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक अधिकांश बार-रेस्टोरेंटों का फूड लाइसेंस छह माह पहले एक्सपायर हो गया है। इसकी फिक्र न तो आबकारी विभाग को है न ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन को। बार में लोगों को शराब परोसे जाने का पैमाना तक बार संचालकों द्वारा नापतौल विभाग से सत्यापित नहीं करवाया गया है, जबकि कायदे से बार में उपयोग किए जाने वाले पैमाने का सत्यापन नापतौल विभाग से करवाना जरूरी है।
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शर्तेां में शामिल, लेकिन काेई मानता नहीं
आबकारी विभाग द्वारा बार का लाइसेंस जारी करने से पहले फूड लाइसेंस भी जमा करवाया जाता है। पैमानों के सत्यापन की रिपोर्ट नहीं मांगी जाती। जबकि लाइसेंस शर्तेां में यह जरूरी है। प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी कैसे बारों के लाइसेंस जारी व रिनिवल हो गए, इसका जवाब विभाग के पास भी नहीं है।
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बिना खाद्य लाइसेंस के बार और होटलों को आबकारी द्वारा लाइसेंस ही नहीं दिया जाता है। ज्यादातर ने इसका लाइसेंस लिया है। जिनके लाइसेंस निरस्त हो गए हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
रमेश शर्मा, नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन