इसके अलावा पूर्व मंत्री के भाई की रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी की वजह से जो दो से तीन काम लेट हुए हैं। निर्माण की गुणवत्ता में भी गड़बड़ी मिली है, अब तक उसकी जमानत राशि राजसात करने व कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के संबंध में कार्रवाई नहीं की गई है। बता दें कि वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर निविदा निरस्त की गई थी, जिसमें 210 करोड़ रुपए के 9 काम रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही थी। बाकी एक काम कल्याण टोल नाम की कंपनी से करवाई जा रही थी। 2023 में सभी काम पूरे हो जाने थे, उसके बावजूद कंपनी को हर तीन महीने में एक्सटेंशन दे दिया जा रहा था।
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सरकार को लग सकती है करोड़ाें की चपत स्मार्ट सिटी के काम में 50 फीसदी केंद्र और 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य का होता है। जून में स्मार्ट सिटी का काम बंद हो जाएगा। ऐसे में पूरा खर्च राज्य को ही देना पड़ सकता है, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान होना तय है। इसके बाद भी ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नवा रायपुर के 14 काम रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास थे। इसमें से 6 काम कंपनी लगभग पूरा कर चुकी थी। बाकी 9 काम की गति बहुत ही धीमी थी। कंपनी को अब तक करीब 100 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका था। नवा रायपुर स्मार्ट सिटी ने ठेका एजेंसी को आधा दर्जन से अधिक बार नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी काम नहीं सुधरा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड अब इन कामों के लिए दोबारा टेंडर जारी करेगा।
इन कामों का टेंडर
– मंत्रालय के चारों तरफ फेंसिंग और प्लांटेशन
– कब्रिस्तान और श्मशान घाट का निर्माण
– 3 तालाबों का सौंदर्यीकरण
– सेक्टर-29 और 27 में पार्क बनाना
– क्लब हाउस
– साइकिल ट्रैक
– सड़क निर्माण
– सेंध लेक का सौंदर्यीकरण
– एसटीपी पाइप लाइन को जोड़ने का काम
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राज्य सरकार ने कोर्ट में दायर की याचिका
राज्य सरकार ने सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई की फर्म का 210 करोड़ का टेंडर निरस्त करने के मामले में हाईकोर्ट में कैविएट दायर किया है। राज्य सरकार ने मामले में कैविएट दायर कर हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले में उनका पक्ष पहले सुना जाए। संबंधित फर्म द्वारा हाईकोर्ट में केस दायर करने की आशंका के मद्देनजर शासन पहले ही हाईकोर्ट पहुंचा है।
निविदा प्रक्रिया तकरीबन पूरी हो चुकी है। टेक्निकल बिड खुल चुकी है। फायनेंशियल बिड खोलकर पात्र ठेकेदार को कार्य सौंपा जाएगा। पूर्व ठेकेदार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– सौरभ कुमार, सीईओ, एनआरडीए