वहीं आए दिन अनुभवीभागीय अधिकारी के व्यस्त होने या अन्यत्र प्रशासनिक कार्य में चले जाने के कारण अथवा प्रकरण की सुनवाई नहीं होने पर किसानों को पेशी की तारीख दे दी जाती है। जिसके चलते किसानों को हर पेशी में अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय सिमगा जाना पड़ता है। इससे किसानों को आने.जाने में असुविधा तो होती है। वहीं उनका पूरा दिन खराब हो जाता है और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है।
भटभेरा के किसान घनश्याम कुमार साहू खसरा नंबर 1721/1 रकबा 0.11 ऋण पुस्तिका पर अंकित है किंतु मौके पर रकबा 0.109 होना चाहिए। जिसकी त्रुटि सुधार के लिए उन्होंने तहसीलदार कार्यालय सुहेला में आए थे। जिसे तहसीलदार द्वारा समझा बुझाकर वापस भेजा गया और उन्हें त्रुटि सुधार के लिए अनुभवीभागीय अधिकारी के कार्यालय में आवेदन देने को कहा गया।
ग्राम जांगड़ा के महेततर, सिनोधा के तिहारू राम, गोरदी के दशरथ साहू, जरौद के राम, श्याम, बिटकुली के सोनित कुमार, आनंद कुमार, रावन के हीरालाल लहरी, खपराडीह लक्ष्मी नाथ बघमार, बिटकुली के घनश्याम, हरिराम झीपन के टॉप लाल, कुथरौद के पूनम राम, खपराडीह के रोहित कुमार बघमार एवं झीपन के चिंताराम वर्मा ने कहा कि वे शासन व प्रशासन से मांग करते हैं कि धारा 114 और 115 की त्रुटी सुधार की शक्ति को पुन: तहसीलदारों को दे दिया जाए। जिससे छोटी-मोटी भू अभिलेख में हुई त्रुटियों को तहसीलदार के द्वारा सुधार कर दिया जाए। जिसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना न करना पड़ता है।
गौरतलब है कि बलौदा बाजार जिले में धारा 114 और 115 के लगभग 1117 केस लंबित है। जो केवल ऑनलाइन रिकॉर्ड में दिख रहा है। जबकि आफ लाइन में लंबित मामलों की संख्या अधिक हो सकती है। विकासखंड सिमगा के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में लगभग 243 केस भूमि त्रुटि सुधार हेतु लंबित है। जिसमें 48 केस को 3 माह, 77 केस 6 माह, 81 केस 1 वर्ष तक और 37 ऐसे केस हैं जो 1 वर्ष से अधिक समय तक न्यायालय में पेंडिंग है। जबकि नियमानुसार त्रुटि सुधार की केस लगभग 3 महीने में इनकी सुनवाई होकर निपटारा हो जाना चाहिए। किंतु एसडीएम कार्यालय में केस की सुनवाई न होने के कारण केस पेंडिंग बढ़ते चले जा रहे हैं और किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।