संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग ने दो नगर निगम सहित 17 नगर पालिका और नगर पंचायतों को इस संबंध में पत्र जारी किया है, जिसमें अंबिकापुर, जगदलपुर, खैरागढ़, छुरिया, जशपुर, खरसिया, मल्हार, मुंगेली, जरही, बैकुंठपुर, कोंडागांव, भानुप्रतापुर, चारामा, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा शामिल हैं। किसी निकाय में 2008-09 तो किसी में 2018-19 के बीच के वित्तीय वर्षों में गबन होने का उल्लेख है। गबन करने वालों की सूची में तत्कालीन आयुक्त, मुख्य नपां अधिकारी से लेकर सहायक राजस्व निरीक्षक, दैनिक वेतन भोगी और प्लेसमेंट कर्मचारी तक के नाम हैं।
1 से लेकर 23 लाख रुपए तक गबन
महालेखाकार द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग को दिए गए ऑडिट रिपोर्ट में नगरीय निकायों में एक लाख से लेकर 23 लाख रुपए तक गबन का उल्लेख किया गया है। सबसे अधिक राशि जरही नगर पंचायत के अधिकारी पर है। इस पर 23 लाख 24 हजार 249 रुपए हैं। इसी तरह जगदलपुर नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों पर 16 लाख 10 हजार 262 रुपए हैं।
कोंडागांव नगर पालिका पर 5 लाख 95 हजार 900 रुपए, भानुप्रतापपुर नगर पालिका पर 5 लाख 46 हजार 347 रुपए है। सबसे कम राशि मल्हार नगर पंचायत पर 1 लाख 7 हजार 94 रुपए का गबन का आरोप हैं। राशि गबन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी पत्र में लिखा है।