लगभग एक लाख का खर्चविभागीय अधिकारियों की मानें तो वर्चुअल क्लास निर्माण करने के लिए हर स्कूल में लगभग 1 लाख रुपए खर्च आएगा। क्लास निर्माण करने के लिए कंप्यूटर, इंटरनेट समेत अन्य इंतजामों को करना होगा। क्लास निर्माण करने के बाद उसके संचालन की ट्रेनिंग भी शिक्षकों को देनी होगी, ताकि उपकरणों का उपयोग करते समय उन्हें परेशानी ना हो। वर्चुअल क्लास में क्लास वाइस छात्रों को ग्रुप बनाकर जोड़ा जाएगा, ताकि वे शिक्षा ले सके और अपना सिलेबस पूरा कर सके।[typography_font:14pt;” >रायपुर . कोरोना संक्रमण काल के कारण स्कूल शिक्षा विभाग का नया सत्र 2020-21 देरी से शुरू होगा। नए सत्र में बच्चों को प्रवेश देने की तैयारी जून माह के अंतिम सप्तान में शुरू करने की तैयारी की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने प्रदेशभर के स्कूलों में प्रवेश देने से पहले वर्चुअल क्लास बनाने के निर्देश दिए हैं। जिलों के स्कूलों में वर्चुअल क्लास बनाने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है। शिक्षा सचिव के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारियों ने वर्चुअल क्लास निर्माण करने की तैयारी कर ली है। वर्चुअल क्लास बनाने के लिए विशेषज्ञों से चर्चा की जा रही है, जिससे क्लास की कास्ट निकालकर विभाग को प्रपोजल भेजा जा सके।प्रवेश प्रक्रिया से पहले बनानी है क्लासप्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले जिला शिक्षा अधिकारियों को वर्चुअल क्लास सेटअप का पूरा निर्माण करना है, जिससे छात्रों को पढ़ाई में तकनीकी समस्या ना आए। विशेषज्ञों की निगरानी में क्लास निर्माण करने का निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है।रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार वर्चुअल क्लास निर्माण करने की तैयारी कर रहे हैं। जून माह खत्म होने से पहले सेटअप लग जाए, इसलिए विशेषज्ञों से राय लेकर प्रपोजल बनाकर विभागीय अधिकारियों को भेजेंगे। प्रपोजल पास होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।